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Lucknow: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 307 के मामले में मुख्तार को दोषमुक्त करार दिया है. अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या के प्रयास की साजिश में आरोपित मुख्तार अंसारी बरी किया है.
गाजीपुर के थाना मुहम्मदाबाद में वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसमें मुख्तार अंसारी नामजद अभियुक्त नहीं थे. विवेचना के दौरान 120 बी के तहत मुख्तार अंसारी को इस मामले में नामजद किया गया. इस मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव बरी हो चुका है.
इस मामले में बीते छह मई को मुख्तार की ओर से मौखिक बहस की गई. जिसके बाद अदालत ने फैसला के लिए 17 मई की तिथि तय की थी. बुधवार को फैसला सुनाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी को हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में दोषमुक्त करार दिया. मुख्तार अंसारी को कोर्ट के फैसले से राहत मिली है. वहीं मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक अन्य मामले में 20 मई को कोर्ट का फैसला आना है.
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इससे पहले मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट अप्रैल माह में गैंगस्टर एक्ट के लगभग 16 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुना चुकी है. गाजीपुर में वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी. इस मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.
मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी जरायम की दुनिया में एक ऐसा नाम है, जिसकी दहशत उसके जेल के अंदर रहने के बाद भी कायम है. बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी बीते 18 साल से जेल में बंद है. बावजूद इसके उसका नाम अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है.
गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के विभिन्न थानों में जेल में रहते मुख्तार पर अब तक हत्या के कई मामले दर्ज हुए हैं. इस प्रकार करीब 60 साल के मुख्तार अंसारी पर कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं.