Diwali 2021: देशभर में दिवाली को लेकर हर तरफ उल्लास का वातावरण है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, आगरा से लेकर दूसरे जिलों में दिवाली की रौनक देखते ही बन रही है. खुशियों और रौशनी के त्योहार दिवाली में समूची धरा का कण-कण आलोकित है. हर तरफ हंसी और मुस्कुराहटें हैं.

दूसरी तरफ पर्व में वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने आतिशबाजी पर बैन लगा दिया है. उत्तर प्रदेश में इस साल सिर्फ ग्रीन पटाखों को छोड़ने को मंजूरी है. आप भी पटाखों के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है.

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दिवाली की मस्ती में कोरोना को भूलना नहीं…

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी राज्य में पटाखों पर बैन लगा दिया है. उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में सशर्त ग्रीन पटाखों को जलाने के निर्देश हैं. दूसरी तरफ कोरोना संकट को देखते हुए कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन भी करना है.

उत्तर प्रदेश में दिवाली पर क्या हैं बड़े फैसले?

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर में पटाखों पर बैन लगाया है.

  • जिन शहरों की एयर क्वालिटी खराब है, वहां पटाखे छोड़ने पर रोक.

  • एनसीआर में पटाखे चलाने और बिक्री पर रोक लगाई गई है.

  • एनसीआर में बिना पटाखों के दिवाली मनाने की छूट दी गई है.

  • 27 शहरों में दो घंटे तक ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत मिली है.

  • रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति है.

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ग्रीन पटाखों के बारे में कितना जानते हैं आप?

दिवाली में पटाखों से निकली जहरीली गैस के कारण हवा की गुणवत्ता खराब होने की बात कही जाती है. अब, उत्तर प्रदेश में दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाए जाएंगे. पर्यावरण को कम प्रदूषित करने के कारण इन्हें ग्रीन पटाखा कहा जाता है. इन पटाखों में एल्युमिनियम, बैरियम, पोटैशियम नाइट्रेट, कार्बन का इस्तेमाल नहीं होता. इससे वायु प्रदूषण नहीं होता है. ग्रीन पटाखों से प्रदूषण में 40 फीसदी तक कमी आती है.