लखनऊ : गुटखा का भ्रामक विज्ञापन करने के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले वकील मोती लाल यादव ने सरकार से मांग की है कि अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार पर एफआईआर दर्ज कर पद्म पुरस्कारों को तत्काल वापस लिया जाए. अभिनेताओं और गुटखा कंपनियों पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाए.वकील मोती लाल यादव सोमवार को गुटखा विज्ञापन मामले में अभिनेताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. गुटखा विज्ञापन मामले में अभिनेताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नोटिस पर वकील मोती लाल यादव का कहना है, “अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार और सैफ अली खान जैसे अभिनेता तंबाकू उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन करते रहे हैं.” 22 सितंबर को मैंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने भारत सरकार को दो निर्देश दिए. पहला, इन अभिनेताओं को दिए गए ‘पद्म’ पुरस्कारों को जब्त करने के लिए एक दिशानिर्देश बनाया जाए और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए. ” दूसरा, तंबाकू निर्माता कंपनी और अभिनेताओं पर भ्रामक विज्ञापन करने के लिए अभिनेताओं और गुटखा कंपनियों पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाए.अदालत ने अगली सुनवाई 9 मई, 2024 के लिए निर्धारित की है.

केंद्र सरकार ने दिया अवमानना ​​याचिका का जवाब

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने अभिनेता अक्षय कुमार, शाहरुख खान और अजय देवगन को उनके गुटखा कंपनी के विज्ञापनों के संबंध में नोटिस जारी करके एक अवमानना ​​याचिका का जवाब दिया. बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने कोर्ट को इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के विचार की जानकारी देते हुए चल रही याचिका को खारिज करने का सुझाव दिया. इसके अतिरिक्त, अदालत को सूचित किया गया कि अमिताभ बच्चन ने एक गुटखा कंपनी के साथ अपना अनुबंध समाप्त होने के बाद अपना विज्ञापन प्रसारित करने के लिए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने पहले केंद्र सरकार को याचिकाकर्ता की चिंताओं का समाधान करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता ने पुरस्कार विजेता अभिनेताओं और गुटखा कंपनियों का समर्थन करने वाले गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया था.