लखनऊ. माफिया अतीक अहमद ने राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों की हत्या को अंजा खुद को सजा से बचाने के लिए दिया था.लेकिन, देवरिया जेल इस बात की गवाह है कि माफिया अतीक की जेल में भी तूती बोलती थी. अप्रैल 2017 में करीब 20 महीने तक देवरिया जिला जेल में अतीक अहमद का सिक्का चला. उसे प्रयागराज की नैनी जेल से शिफ्ट किया गया था. 22 नवंबर 2018 को उसे इसी जेल के अंदर से प्रॉपर्टी डीलर का न केवल अपहरण कराया बल्कि उसे जेल के अंदर रखकर इतना पीटा कि आज भी जिक्र छेड़े जाने पर प्रापर्टी डीलर कांप उठता है.

प्रयागराज के कंपनी गार्डन से अगवा कराया, जेल में रखा

प्रॉपर्टी डीलर जैद खालिद ने प्रयागराज के विष्णापुरी वाली जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी.अतीक अहमद की इस प्रॉपर्टी पर निगाह थी. अतीक को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने पहले तो जैद खालिद को फोन कर धमकाया. इसके बाद उसका अपहरण कराकर देवरिया जेल में बंधक बना लिया. जैद खालिद बताते हैं कि 22 नवंबर 2018 को सुबह 7 बजे सुबह भाई के साथ प्रयागराज के कंपनी गार्डन टहलने जा रहे थे. पीएसी गेट के पास उनकी कार को एक फॉच्रयूनर और एक क्रेटा गाड़ी ने आगे- पीछे से घेर लिया. दोनों कार में अतीक के गुर्गे थे. हम दोनों भाइयों को उताकर अपने साथ देवरिया जेल लेकर पहुंच गये.

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अतीक के ‘अब तुमका बताई’ कहते ही पीठ पर लाठियां बरसी

जेल के अंदर बरामदा में जेलर के साथ बैठकर बातें कर रहा अतीक अहमद जैद को देखकर गाली देता है. कहता है बड़का प्रॉपर्टी डीलर हो गये हो. अब तुम्हार इलाज कराईत हैं. जैद ने हाथ जोड़कर माफी मांगी लेकिन अतीक के गुर्गे उसे बैरक में खींच ले गए. पीछे- पीछे अतीक पहुंचा. अंदर पहले तो इस बात के लिए खूब धमकाया कि उसने जमीन क्यों खरीदी. अतीक ने जैसे ये कहा कि तोहका मना किए थे कि विष्णापुरी वाली जमीन न खरीदेगो तबौ नय माने, अब तुमका बताई .. इसके बाद उसे उल्टा लटका कर पीठ पर लाठियों की बौछार कर दी. अतीक चिल्लाकर कह रहा था एका तब तक मारौ, जब तक एकर टांग ना टूट जाए.

अतीक ने कहा ..मगर हम तुमको एक हाथ मारब.. (बातचीत के अंश)

प्रापर्टी डीलर जैद खालिद अतीक अहमद का कॉल रिसीव कर कहता है : हैलो

अतीक अहमद – हां जैद,

जैद खालिद– हां भाई

अतीक अहमद– तुमको याद होगा कि तुम हमसे मिलने देवरिया जेल आए थे, तो हमको मालूम था कि तुम आ रहे हो

जैद खालिद – जी

अतीक अहमद– तुमसे हम बैठ के बरामदे में मिले रहे जहां जेलर लोग मिले रहे

जैद खालिद – हां हां

अतीक अहमद – तब तक हमारी कोई नीयत नहीं थी तुमको पीटने की , जब तुम्हारा हमने हावभाव देखा ..तुम्हारा रवैया देखा..समझे

जैद खालिद – जी

अतीक अहमद- सिर्फ तुमरे रवैये पर खिसिया गये हम, (जैद कुछ कहने की कोशिश करता है तो अतीक उसे टोकने पर रोकता है और कहता है ) नहीं सुन लो, तुम वही जैद हो जो हमारे पास आया था, ..तुमको हम जमीन दे दिया… समझे …

जैद खालिद -हां – हां

अतीक अहमद – सुन लो , ये क्या हरकत थी मतलब तुम हमको ही बर्बाद करना चाहते हो, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया था , तुम न अब फोन उठा रहे हो न तुम कायदे की बात कर रहे हो. 200 नंबर (जमीन का खाता संख्या ..) हमने मना कराया कि तुम मत लिखवाना लेकिन तुमने लिखवा लिया, ये क्या हरकत? क्या हमको बर्बाद करना चाहते हो

जैद खालिद- नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है भाई, 200 नंबर अगर लिखवाई गयी तो उसकी सबकी जानकारी में रजिस्ट्री हुई थी. हम अपने से नहीं लिखवाई थी जमीन

अतीक अहमद- नहीं नहीं ये बताओ कि हमने तुमसे कहा था कि तुम मत लिखवाना

जैद खालिद – नहीं आपने तो हमसे नहीं कहा था भाई

अतीक अहमद – अरे हमने तो 10 बार कहलाया तुमको

जैद खालिद –नीलू ने तब कहा था जब रजिस्ट्री हो गयी थी

अतीक अहमद – गलत बात कह रहे हो, गलत बात कह रहे हो, तुमने जिस दिन रजिस्ट्री कराया वो भी हमको मालूम है, जिससे तुमने कहलाया वो भी हमको मालूम है, अगर हम तुमसे कह रहे है कि इतना काम चारों तरफ … अगर हम तुमसे कह रहे हैं कि जमीन मत कराना चाहे फराहन कहा हो चाहे आदिल कहा हो, क्यों करा दिया.. बता देते मना कर रहे हैं हम.

जैद खालिद – प्रधान कहें कि भाई से बात कर लो ….

अतीक अहमद – प्रधान कहे हो .. ऐसा है अभी तुमको एक लप्पड़ मारें..खाली एक हाथ मारे… मगर हम तुमको एक हाथ मारब..

( नोट : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह बातचीत 7 जनवरी 23 को की गयी )