लखनऊ. अतीक अहमद- अशरफ के विभिन्न मामलों में उनकी ओर से प्रतिनिधित्व करते आ रहे अधिवक्ता विजय मिश्रा ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि ” प्रयागराज से बरेली ले जाए जाने के दौरान, अशरफ को पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसे बताया कि इस बार वह बच गया, लेकिन 15 दिनों के भीतर जेल से बाहर निकाल दिया जाएगा और समाप्त कर दिया जाएगा “.

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अधिवक्ता विजय मिश्रा ने बरेली जिला जेल में अशरफ से मुलाकात की थी.वह बताते हैं कि मैंने (विजय मिश्रा) अशरफ से पुलिस अधिकारी के बारे में पूछा. उन्होंने उसका नाम नहीं बताया क्योंकि उन्हें लगा कि मैं मुश्किल में पड़ जाऊंगा. अशरफ ने कहा कि अगर उसकी हत्या हो जाती है तो एक सीलबंद लिफाफा भारत के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री के पास पहुंचेगा.

‘ प्रशासनिक ‘ कारणों से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किए शूटर

तीन शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और वर्तमान में ‘ प्रशासनिक ‘ कारणों से नैनी सेंट्रल जेल से स्थानांतरित होने के बाद उच्च सुरक्षा प्रतापगढ़ जिला जेल में बंद हैं. यूपी सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया है. पैनल का नेतृत्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरविंद कुमार त्रिपाठी कर रहे हैं, अन्य सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीके सोनी और पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह हैं. यह पैनल अगले दो महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा.

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शनिवार रात प्रयागराज में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.बड़े अतीक के सिर और सीने में नौ गोलियां लगीं, जबकि अशरफ को पांच गोलियां लगीं.हमले को तीन शूटरों ने अंजाम दिया था, जिन्होंने वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया पहचान पत्र ले जाने वाले मीडिया कर्मियों के रूप में पेश किया था.