Yogi Cabinate Meeting: यूपी की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने भारत सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य नीति आयोग के पुनर्गठन का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर द‍िया है. इसके तहत नया नामकरण होगा. स्टेट ट्रांसफार्मेशन कमिशन के सीएम योगी ही अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा भी कई अहम फैसलों पर यूपी की राजधानी लखनऊ स्‍थ‍ित लोकभवन में की गई बैठक में 20 फैसले ल‍िए गए.

कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्ताव हुये पास

  • उत्तर प्रदेश में रानीपुरा टाइगर रिजर्व की स्थापना के संबंध में प्रस्ताव पास

  • उत्तर प्रदेश राज्य में उपनिबंधक कार्यालयों में पंजीकृत विलेखों का डिजिटाइजेशन

  • राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन करते हुए नवीन संस्था स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन

  • उत्तर प्रदेश सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति 2022

  • नगर पालिका परिषद मुज्जफ्फरनगर का सीमा विस्तार किया गया

  • गोंडा जनपद के नगर पंचायत कटरा का सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास

  • उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्ताव पास

  • अयोध्या में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर का निर्माण पीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से विकसित एवं संचालित कराने के संबंध में योजना आयोग में पीएनयू की रचना की जाएगी.

  • 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले शासकीय भवनों के निर्माण कार्य को ईपीसी मोड में कराए जाने वाली प्रक्रिया को आसान कर द‍िया गया है.

बुंदेलखंड में पहला टाइगर रिजर्व

मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक निर्णय में उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के पहले बाघ अभयारण्य को मंजूरी दी है. कैब‍िनेट ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38(v) के तहत 52989.863 हेक्टेयर में फैले रानीपुर टाइगर रिजर्व को अधिसूचित करने की मंजूरी दी है. इसमें 29958.863 हेक्टेयर बफर क्षेत्र और 23031.00 हेक्टेयर कोर क्षेत्र शामिल है. इसे पहले से ही चित्रकूट जिले में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था.

रोजगार के अवसर पैदा करेंगे

आवश्यक पदों की स्वीकृति के साथ रानीपुर बाघ संरक्षण प्रतिष्ठान की स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया है. उत्तरी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वनों से आच्छादित रानीपुर टाइगर रिजर्व क्षेत्र मेगाफौना टाइगर, तेंदुआ, भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, चिंकारा और विविध पक्षी, सरीसृप और अन्य स्तनधारियों का घर है. रानीपुर टाइगर रिजर्व की स्थापना बुंदेलखंड में वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ क्षेत्र की पर्यावरण पर्यटन क्षमता के उद्घाटन के साथ-साथ स्थानीय आबादी को आर्थिक रूप से लाभान्वित करने वाले रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण मोड़ होगी.