Lucknow news: लखनऊ में काउंटिंग के बीच सपा और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में चले लात घूसे, मारपीट में कई लोग घायल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस यानी यूपी पुलिस के आठ कर्मचारियों को मौत के घाट उतारने वाला सूबे का तथाकथित कुख्यात अपराधी आज भी अपने गांव या जन्मस्थली बिकरू गांव में घूमता है. वह भी तब जब यूपी पुलिस ने तथाकथित इस दुर्दांत अपराधी को दो महीने पहले ही एनकाउंटर में मार गिराया है. लेकिन, यह हकीकत है कि आज भी बिकरू गांव में उसके पदचापों की आहट सुनाई देती है.
सूत्रों के अनुसार, बिकरू गांव के लोगों का दावा है कि कानपुर के बिकरू गांव का रहने वाला विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के दो महीने बाद भी अपने दरवाजे और गांव की गलियों में टहलता नजर आता है. खासकर, अपने उस मामा के घर के दरवाजा के सामने जिस घर में जाता हुआ वह अक्सर देखा जाता था.
मीडिया की खबरों के अनुसार, हिस्ट्रीशीटर के नाम से मशहूर विकास दुबे पर 60 से अधिक आपराधिक मामले चल रहे थे. इस साल आठ पुलिसवालों को गोलियों से भुनने के बाद वह फरार चल रहा था. सूत्रों के अनुसार, बीते 10 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में दर्शन करते जाते समय उसे मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने पहचान लिया था. सूत्रों ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की ओर से पुलिस को सूचना देने के बाद उसे मंदिर परिसर से ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गिरफ्तारी के बाद उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान पुलिस वाहन से कूदकर भागने के क्रम में एनकाउंटर में वह मारा गया था.
सूत्रों के अनुसार, इस घटना के दो महीने बीत जाने के बावजूद आज भी कानपुर के बिकरू गांव के निवासी विकास दुबे को लेकर दहशत में रहते हैं. गांव के कई लोग यह दावा करते हुए पाए जाते हैं कि विकास दुबे कभी गांव में घूमता नजर आता है, तो कभी अपने मामा के घर के दरवाजे से अंदर जाता हुआ नजर आता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस गांव में गश्त करने वाले करीब आठ से अधिक पुलिस वालों ने भी बिकरू गांव में विकास दुबे के घूमने की शिकायत अपने आला अधिकारियों से की है.
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