Lucknow: समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ट्विटर हैंडल के संचालक मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के विरोध में सियासत तेज हो गई है. मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किये जाने के बाद अखिलेश यादव पुलिस मुख्यालय पहुंचे. उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्‍तम और कई अन्‍य सपा नेता भी थे. सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पुल‍िस मुख्यालय में कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं है, ज‍िससे श‍िकायत की जा सके. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के काफी समय तक इंतजार करने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं हुआ.

इससे पहले पुलिस मुख्यालय में जब अखिलेश यादव को चाय पीने के लिए दी गई तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि चाय में कुछ भी मिलाकर दिया जा सकता है. इसमें जहर भी दे सकते हो. इसलिए यहां की चाय का सेवन ही कर सकते हैं. बाहर की पियेंगे या हम अपनी चाय लाकर पियेंगे. इसके बाद अखिलेश यादव पुलिस मुख्यालय से जेल के लिए रवाना हो गए. अखिलेश यादव ने इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सरकार पर निशाना साधा. पार्टी कार्यकताओं ने डीजीपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया. पुलिस ने उन्हें समझाकर मामला शांत कराया.

इससे पहले समाजवादी पार्टी का ट्विटर हैंडल संचालन करने वाले कार्यकर्ता मनीष जगन को रविवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मनीष पर सपा के ट्विटर हैंडल से अभद्र टिप्पणी करने और सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास का आरोप है. इस मामले में जगन के खिलाफ हजरतगंज और जानकीपुरम कोतवाली में मामले दर्ज हैं. पुलिस जगन की तलाश कर रही थी. कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की सूचना पर सपा नेता और कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.

एडीजी लॉ एंड आर्डर बोले- मर्यादाओं की सीमा पार कर किए गए ट्वीट

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ट्विटर हैंडल के संचालक मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी पर एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि मनीष के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. अभद्र टिप्पणी की गई थी. मर्यादाओं की सीमा पार कर ट्वीट किए गए. पुलिस ने नियमों के अनुसार कार्रवाई की है.अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा’

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के डीजीपी मुख्यालय पर जहर की आशंका में चाय नहीं पीने पर कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे बातचीत की और वह पूरी तरह से संतुष्ट दिखे. इसके बाद रवाना हुए. एडीजी प्रशांत कुमार ने सपा कार्यकर्ताओं के डीजीपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन पर कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के मुताबिक धरना स्थल पहले से ही निर्धारित हैं, इसलिए कहीं और धरना नहीं दिया जा सकता. यह आकस्मिक स्थिति हुई थी. पुलिस ने शालीनता के साथ मामले को निपटाया.