Rajasthan Politics, sachin pilot, Ashok gehlot: राजस्थान में जारी सियासी जंग का अंत होता नहीं दिख रहा. राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. पहले विधायकों की रिसॉर्ट पॉलिटिक्स हुई, फिर कोर्ट में मामला गया और अब तीन ऑडियो वायरल हो रहे हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि उनमें गहलोत सरकार गिराने के लिए विधायकों से डील हो रही है. इस ऑडियो के वायरल होने के बाद हडकंप मचा हुआ है.

गुरुवार की शाम अचानक ऐसे तीन ऑडियो वॉट्सएप और सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे. इन तीन ऑडियो में एक ऑडियो एक मिनट 37 सेकेंड का, दूसरा 2 मिनट एक सेकेंड का और तीसरा ऑडियो कुछ बड़ा छह मिनट 18 सेकेंड का हैइन ऑडियो में एक व्यक्ति खुद को संजय जैन और दूसरा खुद को गजेंद्र सिंह बता रहा है. दो ऑडियो में बातचीत राजस्थानी में है. जबकि तीसरे में हिंदी और अंग्रेजी में बातचीत हो रही है. हालांकि, प्रभात खबर इन ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

साथ ही, यह भी साफ नहीं है कि यह ऑडियो कब के हैं. ऑडियो में बातचीत बहुत स्पष्ट नहीं है. लेकिन, तीनों ऑडियो को सुनने से ऐसा लग रहा है कि यह विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑडियो के बाद विधायक कांग्रेस विधायक पं.भंवरलाल शर्मा ने कहा कि मेरे नाम से फर्जी ऑडियो जारी किया गया है, इस ऑडियो में मेरी आवाज नहीं है, मैंने किसी भी नेता से बात नहीं की है.

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कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष ड्यूटी ऑफिसर लोकेश शर्मा इस फेक ऑडियो की बदौलत विधायकों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री गहलोत निराश हैं. इधर, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. समझा जाता है कि गहलोत अपनी सरकार को अस्थिर करने के अपने आरोपों के बारे में कोई तथ्य पेश कर सकते हैं. ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी बीजेपी पर हमला बोला है.

राजस्थान की सियासत में आज का दिन काफी अहम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से खफा होकर बागी हुए सचिन पायलट ने न खुद कांग्रेस छोड़ी, न कांग्रेस ने उन्हें निकाला. बस उपमुख्यमंत्र ओर प्रदेश अध्यक्ष के पद छीन लिए गए. दोनों खेमों की ओर से छह दिन से जमकर बयानबाजी की. इसी बीच पायलट समेत 18 विधायक स्पीकर की तरफ से मिले नोटिस को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए.

हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी. सचिन पायलट समेत 18 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में अयोग्यता का नोटिस दिया है. वहीं बागी विधायकों का कहना है कि व्हिप सिर्फ विधानसभा सत्र के लिए जरूरी होती है.गहलोत ने जयपुर में दो बार बैठक बुलाई थी डिसमें पायलट नहीं पहुंचे थे। पायलट के मान-मनौव्वल का खेल अब भी जारी है.

posted By: Utpal kant