Kisan Andolan, kisan protest, Farmers Protest Today News Updates: नये कृषि कानूनों को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है. इस कानून के खिलाफ कई राज्यों के किसानों का प्रदर्शन जारी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठनों ने डेरा जमाया हुआ है. कांग्रेस शासित राज्यों और पार्टी के नेताओं ने भी आंदोलन छेड़ रखा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब देखा जा रहा जिसमें एक छोटी सी बच्ची किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज बुलंद कर रही है.

उसके जोशीले अंदाज में कविता पाठ को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. इस वीडियो को राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि राजस्थान की गौरवशाली माटी से इस छोटी सी बच्ची ने किसान आंदोलन में मोदी सरकार को घेरते हुए अपनी बुलंद आवाज़ में केंद्र सरकार पर हमला बोला है, जरा सुनिए.

वीडियो में दिख रही बच्ची ने अपनी कविता में केंद्र सरकार पर जमकर तंज भी कसे हैं. उसने अपनी कविता के जरिए किसानों की पीड़ा को उजागर करते हुए उनसे अपील की है कि वे अपनी मांगों को लेकर डटे रहें. जब तक सफलता नहीं मिले पीछे नहीं हटें. बच्ची का कहना है किसान आखिर कब तक बेबसी के आंसू बहाता रहेगा. उसे संघर्ष से सफलता की नई इबारत लिखनी है. बच्ची ने केंद्र सरकार से अपील की है कि आप बिना देरी किए किसानों की मांग को मान लें. वह बच्ची कौन है और यह वीडियो किसने बनाया है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का विरोध प्रदर्शन का आज लगातार छठा दिन है. प्रदर्शन के बीच आज दोपहर तीन बजे किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होनी है. बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सरकार का पक्ष रखेंगे और किसानों को मनाने की कोशिश करेंगे, ये बातचीत दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में होगी. इस बैठक में उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे.

किन मांगों को लेकर अड़े हैं किसान

किसानों की ओर से लगातार कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है. दो महीने पंजाब में प्रदर्शनों के बाद किसानों ने दिल्ली का कूच किया. सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है कि एमएसपी पर सरकार पुख्ता वादा करे और इसे कानून में शामिल करे. किसान संगठनों को डर है कि मंडी से बाहर आते ही एमएसपी पर असर पड़ेगा और धीरे-धीरे ये खत्म हो जाएगी. इन्हीं शंकाओं के चलते किसान लिखित में सरकार से आश्वासन चाहते हैं और एमएसपी को कानूनी रूप दिलवाने पर अड़े हैं.

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Posted By: Utpal kant