राउरकेला रेलवे स्टेशन की लिफ्ट खराब, दिव्यांग, बुजुर्ग व महिला यात्रियों को परेशानी
राउरकेला रेलवे स्टेशन में सुविधाओं का टोटा है. कभी पंखे नहीं चलते, तो कभी कोच डिस्प्ले बोर्ड बंद रहने से यात्रियों को भागदौड़ करनी पड़ती है. लोगों को स्टेशन की विकास परियोजनाएं पूरी होने का इंतजार है.
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राउरकेला. दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक और चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम हर बार यहां दौरे पर पहुंचने पर राउरकेला रेलवे स्टेशन का विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर किये जाने का दावा करते हैं. इस स्टेशन के विकास पर 400 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होने की बात भी कही जाती रही है. लेकिन ये योजनाएं धरातल पर कब उतरेंगी, इसका सभी को इंतजार है. वर्तमान आलम यह है कि स्टेशन में बुनियादी सुविधाओं का टोटा देखा जा रहा है. राउरकेला स्टेशन में प्लेटफॉर्म चार व पांच में बुजुर्ग, महिला व दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए लिफ्ट का निर्माण कराया गया है. लेकिन यह लिफ्ट कभी चलती है, कभी नहीं. शुक्रवार को यहां देखा गया कि एक दिव्यांग यात्री को लिफ्ट नहीं चलने के कारण लाठी के सहारे फुट ओवर ब्रिज की सीढ़ी चढ़कर जाना पड़ा.
एफओबी की शेड आंधी-पानी में उड़ी, मरम्मत नहीं
राउरकेला रेलवे स्टेशन के झारसुगुड़ा छोर पर नया एफओबी पिछले दिनों बनाया गया है. लेकिन इस नवनिर्मित एफओबी के निर्माण में घटिया काम नजर आने लगा है. कुछ दिनों पूर्व तेज आंधी व बारिश में इस एफओबी के शेड का एक हिस्सा उड़ गया है. लेकिन अभी तक इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी है. इसके अलावा अक्सर स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कोच डिस्प्ले बाेर्ड भी काम नहीं करने की शिकायत यात्री करते रहते हैं. यहां से विभिन्न स्थानों के लिए सफर करने वाले यात्रियों को ट्रेन आने पर कोच की स्थिति पता नहीं चलने के कारण अपने सामान व परिवार के सदस्यों के साथ भागदौड़ करनी पड़ती है. गर्मी के दिनों में कई बार पंखे नहीं चलने की शिकायत भी यात्रियों ने की थी.
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