Odisha News: बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाली ममता मोहंता एक बार फिर राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं हैं. ममता मोहंता ने राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की. उन्होंने जुलाई में बीजद छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था.

ममता मोहंता के इस्तीफे की वजह से जरूरी था राज्यसभा उपचुनाव

ममता मोहंता के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव जरूरी हो गया था. मंगलवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी. नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने से पहले भाजपा के जगन्नाथ प्रधान ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया. इसके साथ ही ममता मोहंता के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया. बीजद ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था.

कांग्रेस ने नहीं उतारा था अपना उम्मीदवार

राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने भी कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. हालांकि, भाजपा ने जगन्नाथ प्रधान को ‘डमी उम्मीदवार’ के तौर पर मैदान में उतारा था. राजनीतिक दल ‘डमी उम्मीदवार’ को मैदान में उतारते हैं, ताकि आधिकारिक उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने की स्थिति में उन्हें मुकाबले में उतारा जाए.

मोहन चरण माझी ने विधानसभा में मोहंता को दी बधाई

परिणाम घोषित होने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधानसभा में मोहंता को बधाई दी. मयूरभंज जिले से कुडुमी समुदाय की नेता मोहंता ने जुलाई में बीजद छोड़ दी थी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. ममता ने जिस समय राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था, उस समय उनका कार्यकाल 18 महीने बचा था.

ममता मोहंता ने 21 अगस्त को दाखिल किया था नामांकन

ममता मोहंता ने 21 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल किया था. इसके कुछ ही घंटे बाद जगन्नाथ प्रधान ने नामांकन दाखिल कर दिया था. जांच के दौरान जगन्नाथ प्रधान और ममता मोहंता दोनों के कागजात वैध पाए गए.

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ममता मोहंता को दी जीत की बधाई. फोटो : प्रभात खबर

ममता मोहंता की जीत के बाद जगन्नाथ प्रधान ने कही ये बात

परिणाम घोषित होने के बाद जगन्नाथ प्रधान ने कहा, ‘मैंने पार्टी के निर्देश पर नामांकन पत्र दाखिल किया था. अपनी पार्टी के निर्देश पर ही मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया. भाजपा नेतृत्व ने मुझे यह कार्य सौंपा था और मैंने पार्टी के एक अनुशासित सदस्य के रूप में इसे पूरा किया.’

राजनीतिक दल उतारते हैं ‘डमी उम्मीदवार’ – विजय पाल सिंह तोमर

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि जगन्नाथ प्रधान ने ‘डमी उम्मीदवार’ के तौर पर नामांकन दाखिल किया था. राजनीतिक दल ‘डमी उम्मीदवार’ को उतारते हैं, ताकि आधिकारिक उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने की स्थिति में उन्हें मुकाबले में उतारा जाए.

भुवनेश्वर-मध्य से जगन्नाथ प्रधान ने लड़ा था विधानसभा चुनाव

जगन्नाथ प्रधान ने भुवनेश्वर-मध्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर ओडिशा विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बीजू जनता दल (बीजद) के अनंत नारायण जेना से हार का सामना करना पड़ा था. ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 74 विधायक हैं. उसे 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है.

ओडिशा में बीजद के 51 और कांग्रेस के 14 विधायक

ओडिशा विधानसभा में बीजद और कांग्रेस के क्रमशः 51 और 14 विधायक हैं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का एक सदस्य है. ओडिशा से राज्यसभा की 10 सीटें हैं, जिनमें से 8 इस वक्त बीजद के पास हैं. एक भाजपा के पास है. ममता मोहंता के इस्तीफे के बाद एक सीट खाली हो गई थी. ओडिशा की एक सीट सहित राज्यसभा की 12 रिक्त सीटों के लिए 3 सितंबर को मतदान होना है.

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