झारसुगुड़ा : कुकुरजंघा में 14 दिनों तक चलती है रथयात्रा, प्रत्येक दिन खींचा जाता है रथ
कुकुरजंघा में 16 चक्का वाले 45 फीट ऊंचे रथ का निर्माण किया जाता है. यहां 14 दिनों तक रथयात्रा चलती है. रोज रथ को खींचा जाता है.
झारसुगुड़ा. झारसुगुड़ा जिले के कुकुरजंघा में वर्ष 1215 में श्री जगन्नाथ मंदिर का निर्माण मधुसूदन सिंहदेव ने कराया था. उसी समय से यहां मंदिर से निकलनेवाली रथयात्रा की परंपरा ने लोगों को जोड़े रखा है. चलित वर्ष भी रथयात्रा में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ अपने आराध्य के दर्शन व रथ खींचने के लिए उमड़ी. यहां की रथयात्रा की विशेषता है कि यह आषाढ़ माह की द्वितीया से शुरू होकर पूर्णिमा तक कुल 14 दिन चलती है. यहां 16 चक्का वाले 45 फीट ऊंचे रथ का निर्माण होता है. जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व दवी सुभद्रा जी विराजमान होते हैं. वहीं यहां परंपरा के अनुसार रथ खींचने के लिए रस्सी की जगह तीन टुकड़े बांस का उपयोग किया जाता है. 14 दिन तक चलने वाली रथयात्रा में हर दिन रथ खींचा जाता है. कुकुरजंघा जगन्नाथ मठ के महाराज श्री प्रेमानंद दास महाराज के प्रत्यक्ष तत्वावधान में गांव के गौंटिया अनिल सिंह ने छेरा पहंरा किया. इस अवसर पर आइजी हिमांशु लाल, एसपी स्मित पी परमार, विधायक टंकधर त्रिपाठी, प्रमोद त्रिपाठी आदि ने यहां भगवान की पूजा की.
कुकुरजंघा में रथ खींचते समय एक श्रद्धालु की मृत्यु
झारसुगुड़ा. कुकुरजंघा में रथ खींचते समय एक श्रद्धालु अचानक रथ के नीचे गिर गया. उसके ऊपर से रथ का पहिया गुजर जाने से उसे गंभीर चोटें आयी थीं. उसे तुरंत उसे जिला अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मृतक की पहचान संबलपुर के महुलपाली का रहने वाला श्याम सुंदर किसान (45) के रूप में हुई है.
वेदांत प्रोजेक्ट के टाउनशिप में धूमधाम से निकाली गयी रथयात्रा
झारसुगुड़ा वेदांत प्रोजेक्ट के टाउनशिप में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को धूमधाम से रथयात्रा निकाली गयी. जगन्नाथ मंदिर के सामने से रथ निकालकर पूरे टाउनशिप की परिक्रमा कर रथ पर आरुढ़ महाप्रभु जगन्नाथ अपने भाई-बहन संग मौसीबाड़ी पहुंचे. इस अवसर पर वेदांत के सीइओ सुनील कुमार गुप्ता ने रथ में शुद्ध जल छिड़कने के बाद रथ पर छेरा पहंरा किया. विदित हो कि वेदांत टाउनशिप में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर स्थापत्य कला का प्रमाण है. पुरी जगन्नाथ मंदिर की कालजयी भव्यता से प्रेरणा लेकर यहां नाट्य मंडप, जगमोहन, रेखा मंदिर, मां लक्ष्मी मंदिर व विमला मंदिर समेत मंदिर परिसर में लोकनाथ, बजरंगबली व गणेश जी का भी मंदिर है. साथ ही यहां अरुण स्तंभ व गरुड़ स्तंभ भी है. रथयात्रा के पावन अवसर पर वेदांत के सीइओ सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि रथयात्रा हमारी संस्कृति का महान परिचय है.
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