Jagannath Temple : ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार (तहखाना) गुरुवार को खोला गया है. पूरी प्रक्रिया से पहले सुबह 8 बजे ही भक्तों के दर्शन करने पर रोक लगाई गई. कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि आज ‘भीतर रत्न भंडार’ से सभी कीमती सामान और आभूषणों को सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार अस्थायी रत्न भंडार में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यही वजह है कि भक्तों की इंट्री पर रोक लगाई गई है.

Puri: a worker carries an ornament for the ‘golden attire’ ritual of lords jagannath, balabhadra and devi subhadra, in puri

सुबह आठ बजे के बाद से लगाया गया प्रतिबंध

मंदिर के तहखाने में मौजूद रत्न भंडार में एक बाहरी और एक आंतरिक कमरा है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने बताया कि रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की गई है. यही वजह है कि मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. सुबह आठ बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. केवल अधिकृत लोगों और सेवकों को ही सुबह आठ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई है. मंदिर का केवल सिंह द्वार खोला गया है.

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संग्रहण की क्या है प्रक्रिया जानें

पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्रशासन ओडिशा सरकार के विधि विभाग के अधीन आता है. मंदिर प्रशासन के अनुसार, भगवान को भक्त कीमती वस्तु दान करते हैं जिन्हें रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में रखा जाता है. इसके बाद इनको मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर करने का काम किया जाता है. तहखाने का ताला खोलने की पूरी प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा तय एसओपी के तहत की गई.

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