चेन्नई : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं. हर जगह से स्वास्थ्य व्यवस्था की गड़बड़ी की खबरें आ रही हैं. हर रोज चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत की खबरें भी आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना संक्रमण की स्थिति और वैक्सीनेशन को लेकर सक्रिय हैं. लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील भी कर रहे हैं. वहीं, आम लोग गाइडलाइन का पालन करने में कोताही बरत रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के बाहर रेमडेसिविर लेने के लिए शनिवार को लाखों लोग जुट गये. लाखों लोगों के एक स्थान पर जुटने के कारण कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती नजर आयी. लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए लाइन में खड़े दिखे.

एक स्थानीय का कहना है, ”मेरा पूरा परिवार अस्पताल में है. मैं पिछले 10 दिनों से कोशिश कर रहा हूं. लेकिन, अभी तक दवा नहीं मिली है. सरकार बेड की व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है. लेकिन रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण में कोई सुधार नहीं हुआ है.”

इधर, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी करनेवालों पर कड़ा फैसला लिया है. उन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और जमाखोरी करनेवालों पर गुंडा एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.

साथ ही प्रीमियम दरों पर ऑक्सीजन सिलेंडर बेचनेवालों पर भी इसी एक्ट के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के कारण गरीब लोगों की आजीविका प्रभावित होने के कारण एक ओर राज्य सरकार सहयोग कर रही है, वहीं कुछ असामाजिक तत्व रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखोरी कर ऊंचे दामों में बेच रहे हैं.