Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर आज यानी बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके गुट के सभी बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुना रहे हैं. विधानसभा में सीएम एकनाथ शिंदे समेत तमाम आरोपी विधायक मौजूद है. विपक्ष के कई नेता भी वहां मौजूद हैं. वहीं, स्पीकर के फैसले से पहले शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत का बड़ा बयान देते हुए कहा था कि प्रदेश के सीएम एकनाथ शिंदे गैरकानूनी तरीके से सत्ता में बैठे हैं. वहीं अपने बयान में राउत ने कहा कि दिल्ली से लेकर यहां तक इस मामले में मैच फिक्सिंग हो रही है.

संविधान का उल्लंघन- पृथ्वीराज चव्हाण

वहीं, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में स्पीकर के फैसले से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि स्पीकर को इस मामले पहले ही फैसला ले लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार गैर कानूनी तरीके से चल रही है. चव्हाण ने यह भी कहा कि राज्य की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के 16 विधायकों की ओर से संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया गया है.

शिंदे ने किया पलटवार

इधर संजय सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनकी सरकार संवेधानिक है. मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमारे पास बहुमत है. विधानसभा में 67 फीसदी और लोकसभा में 75 फीसदी है. हमारे पास 13 सांसद हैं और 50 विधायकों का समर्थन है. उन्होंने कहा कि इस बहुमत के आधार पर चुनाव आयोग ने हमें असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. हमें उम्मीद है कि स्पीकर हमें योग्यता के आधार पर पास करेंगे.

गौरतलब है कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे समेत कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. इस बगावत के बाद शिवसेना में विभाजन हो गया और महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई. इसके बाद शिंदे और ठाकरे गुटों की ओर से द्वारा दल बदल रोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गई थी. 

उद्धव ने याचिका पर फैसले से पहले सीएम शिंदे से मुलाकात पर विस अध्यक्ष की निंदा
इधर शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते मंगलवार को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसले से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधा था. ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि नार्वेकर की सोमवार को शिंदे से हुई मुलाकात न्यायाधीश की अपराधी से मुलाकात के समान है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की याचिकाओं पर निर्णय लेने के वास्ते नार्वेकर के लिए समय सीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी थी.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि जून 2022 में बगावत के बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे. पिछले साल जुलाई में एनसीपी नेता अजित पवार गुट भी उनकी सरकार में शामिल हो गया था. निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष एवं तीर’ चुनाव चिह्न दिया था, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव चिह्न के रूप में जलती मशाल के साथ शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया गया था. भाषा इनपुट के साथ


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