मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बंबी हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया. अनिल देशमुख ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बंबई हाईकोर्ट ने जैसे ही उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इंकार किया. इसके बाद महाराष्ट्र के अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के मामले में मुंबई की एक अदालत ने 11 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

सीबीआई की अर्जी को दी है चुनौती

इससे पहले, बंबई हाईकोर्ट की जस्टिस प्रकाश डेरे की सिंगल बेंच ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को दूसरी बेंच में अपनी याचिका ले जाने के लिए कहा. देशमुख ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सीबीआई ने उनकी कस्टडी मांगी है. अनिल देशमुख भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. अनिल देशमुख की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने उनके पर्सनल असिस्टेंट कुंदन शिंदे, सचिव संजीव पालांडे और निलंबित एएसआई सचिन वाजे को हिरासत में ले लिया था.


दो अन्य आरोपियों को भी जमानत देने से कोर्ट का इंकार

बंबई हाईकोर्ट ने सीबीआई केस के दो अन्य आरोपियों को भी अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया. आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने इन दोनों के फोन टैप किये थे. रश्मि शुक्ला ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये दोनों गैरकानूनी ट्रांसफर पोस्टिंग केस में लिप्त रहे हैं. बता दें कि मुंबई की सेशन कोर्ट पहले ही इनकी जमानत याचिका खारिज कर चुका था.

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मनी लाउंडरिंग केस में ईडी ने किया था गिरफ्तार

सीबीआई का आरोप है कि अनिल देशमुख जान-बूझकर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि वह सरकारी अस्पताल जेजे हॉस्पिटल में भर्ती हो गये. सीबीआई ने ये बातें 4 अप्रैल को स्पेशल कोर्ट में कहीं. अनिल देशमुख को ऑर्थोपेडिक वार्ड से 5 अप्रैल को छुट्टी दे दी गयी. बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को नवंबर 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लाउंडरिंग केस में गिरफ्तार किया था.

Posted By: Mithilesh Jha