Sarkari Naukri: मध्य प्रदेश मेट्रो में नौकरी का मौका, 1.5 लाख तक मिलेगी सैलरी
भोपाल : कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए मध्यप्रदेश के छह पूर्व मंत्रियों ने बुधवार को कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिरने का मुख्य कारण कमलनाथ की वह विवादास्पद टिप्पणी रही, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं.
इन पूर्व मंत्रियों में तुलसी सिलावट, डा. प्रभुराम चौधरी, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, गोविंद सिंह राजपूत एवं प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं. इसके अलावा, इन पूर्व मंत्रियों ने कहा, हमारे नेता सिंधिया की कांग्रेस एवं कमलनाथ की तत्कालीन सरकार द्वारा पिछले 15 महीने से उपेक्षा की जा रही थी.
उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी को टीकमगढ़ जिले के कुडीला गांव में एक सभा को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार द्वारा वादे पूरे नहीं करने पर सड़क पर उतरने की बात कही थी. इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘यदि सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं.
इन पूर्व मंत्रियों ने कहा, असलियत में सिंधिया के चेहरे के कारण वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कई वादा किये थे, लेकिन ये वादे सरकार बनने के 14 महीने बाद भी पूरे नहीं हुए.
इसलिए हमारे नेता सिंधिया ने वादे पूरे नहीं करने पर सड़क पर उतरने की बात कही थी. उन्होंने कहा, सिंधिया की इस चिंता को दूर करने के बजाय कमलनाथ ने हमारे नेता को नीचा दिखाने के लिए कहा था कि यदि सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं. इससे आहत होकर सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए और उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायक भी उनके साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गये. इससे कांग्रेस सरकार गिरी और भाजपा की सरकार मध्यप्रदेश में आयी है.