नयी दिल्ली : इमरती देवी पर दिये गये बयान को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके बयान की निंदा की है और उनके बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है.

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इमरती देवी पर दिये गये बयान के लिए कमलनाथ से स्पष्टीकरण मांगा है है. साथ ही महिला आयोग ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया ताकि वे इस मसले पर कार्रवाई करें. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में उपचुनाव होना है, इसके लिए चुनाव प्रचार जारी है और इसी क्रम में कमलनाथ ने डबरा में भाजपा नेत्री इमरती देवी पर अपमानजनक टिप्पणी कर दी.

शिवराज का मौन विरोध

कमलनाथ के बयान के बाद सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य भड़क उठे और इस बयान को नारी जाति का अपमान बताया. शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के बयान के विरोध में आज मौन विरोध भी किया. मामले को बढ़ता देकर कमलनाथ ने यह सफाई दी कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया है और ना ही उनकी ऐसी कोई मंशा थी.

आइटम कोई अपमानजनक शब्द नहीं : कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि वे तो बस उस भाजपा नेत्री का नाम भूल गये थे और तब उन्होंने उस शब्द का प्रयोग किया जो संसद में किया जाता है. संसद में जब नामों की लिस्ट जाती है तो उसपर लिखा होता है आइटम नंबर वन और आइटम नंबर टू. मैंने उसी शब्द का प्रयोग किया. आइटम शब्द कोई अपमानजनक शब्द नहीं है.

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दिग्विजय सिंह ने शिवराज के प्रदर्शन को बताया नौटंकी

वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह के विरोध को नाटक और नौटंकी बताया है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी ने इमरती देवी पर जो कुछ कहा वह किस परिपेक्ष्य में कहा, मैं नहीं जानता, लेकिन मैं भाजपा से यह पूछना चाहता हूं कि वे अभी जो इतना नाटक कर रहे हैं, वे हाथरस कांड के वक्त क्यों चुप थे. हाथरस कांड भाजपा के शासन वाले क्षेत्र में हुआ है, क्या वह नारी का अपमान नहीं था, उस वक्त उनके मौन का क्या कारण था.

Posted By : Rajneesh Anand