झारखंड के सारंडा जंगल में आईईडी विस्फोट, सात साल की बच्ची की मौत, एक महिला घायल
चाईबासा.
जमशेदपुर के करनडीह में दिशोम जाहेर सभागार में रविवार को झारखंड आंदोलनकारियों का विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री दीपक बिरुवा शामिल हुए. मौके पर मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारियों को उचित सम्मान दिलाया जायेगा. राज्य सरकार इसके लिए प्रयासरत है. झारखंड आंदोलनकारी अपने हक, अधिकार और सम्मान के लिए तरस रहे हैं. आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग द्वारा छूटे हुए आंदोलनकारियों को चिह्नित कर सम्मान दिलाया जायेगा. सभी आंदोलनकारियों को एकजुट होने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि सबके सामूहिक प्रयास, त्याग, संघर्ष व बलिदान के फलस्वरूप अलग झारखंड का निर्माण हुआ. इस आंदोलन ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत किया है. कहा कि इस आंदोलन को हजारों हजार साथियों ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया. भले सभी चिह्नित नहीं हुए हों, पर सभी के प्रयास से यह सफल हुआ. उन्होंने कहा कि यह गौरव का क्षण है. इसमें आप सभी की भूमिका अहम रही. सबने कई तरह की यातनाएं झेली. जेल गए. काफी संघर्ष के बाद हमें झारखंड मिला. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि जिस तरह झारखंड आंदोलनकारियों को मान सम्मान मिलना चाहिए, वह नहीं मिला है. उन्हें उचित सम्मान मिले इसके लिए प्रयासरत हैं. आंदोलनकारियों से मुकदमा वापसी समेत अन्य मान सम्मान को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जायेगी. झारखंड आंदोलनकारियों के बलिदान और संघर्ष को याद करते हुए उन्हें उचित सम्मान दिलाया जाएगा. मौके पर पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, आसमान सुंडी, सीआर मांझी, बुधराम सोय, दिलबहादुर प्रधान, शेख बदरुद्दीन, स्वपन सिंहदेव, रोजलिन तिर्की समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है