Jharkhand Weather: झारखंड में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड, पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी से होगा सक्रिय
रांची. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर सोमवार को पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई. एनसीइआरटी की परख प्रमुख सह सीइओ प्रो इंद्राणी भादुरी ने कहा कि होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन के मूल्यांकन का एक नया तरीका है. यह एक बहुआयामी रिपोर्ट है, जो विद्यार्थियों की प्रगति व उनकी दक्षता को दिखाती है. इसमें विद्यार्थियों के 360 डिग्री समग्र और दूसरे क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों का आकलन करना है.
बच्चों का व्यापक मूल्यांकन करेगा यह कार्ड
प्रो इंद्राणी ने कहा कि यह कार्ड बच्चों का व्यापक मूल्यांकन करेगा. शिक्षा के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने का मतलब है बच्चों के विकास के सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना न कि केवल उसकी शैक्षिक प्रगति पर. कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद के परख विभाग द्वारा हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) व भारत में सभी बोर्डो की समतुल्यता के संदर्भ में किया गया है. प्रो भादुरी ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक मूल्यांकन में मानकीकरण व सर्वोत्तम प्रथा को बढ़ावा देना है. छात्रों के बीच विभिन्न दक्षता को जोड़ना और विकसित करना है. इस अवसर पर जैक अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, उपाध्यक्ष डॉ बिनोद सिंह, सचिव जयंत कुमार मिश्र, कुणाल प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे.ये हैं कार्यशाला के उद्देश्य
भारत के शैक्षिक प्रदर्शन का विश्लेषण करना, छात्रों के सीखने के नतीजों व शिक्षा की स्थिति का आकलन करना, छात्रों की क्षमताओं का मूल्यांकन, सीखने की खामियां उजागर करना, सीखने के नतीजों को प्रभावित करनेवाले कारकों की पहचान, संसाधन आवंटन व भविष्य की नीतियां तय करना, राज्य व केंद्र के बोर्डों में एक जैसी छात्र मूल्यांकन प्रणाली बनाना, मूल्यांकन में असमानता कम करना, आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और उद्योग संबंधी शिक्षा देना व शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है