Jharkhand Weather: झारखंड में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड, पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी से होगा सक्रिय
रांची : भारत में महंगाई अपने चरम पर है. बरसात की मौसम में न केवल आलू, टमाटर और प्याज की कीमतें आसमान पर हैं, बल्कि चावल, दाल, आटा और मसालों के भाव भी लोगों को हाथ धरने नहीं दे रहे हैं. दाल-जीरे समेत कई खाद्य सामग्रियों के भाव बढ़े हुए है, जिससे रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. आलम यह कि राशन दुकानों पर 75 रुपये किलो बिकने वाली मसूर की दाल के भाव में अचानक 10 रुपये किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, तो अरहर या तूअर की दाल भी 140 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है.
हालांकि, राहत की बात यह है कि देश में टमाटर का दाम 200 रुपये किलो पहुंचने के बाद अब भी नेफेड और एनसीसीएफ ने किफायती दर पर 40 रुपये किलो टमाटर बेचने का बीड़ा उठा लिया है. इन दोनों सहकारी संस्थानों ने सबसे पहले मुनाफाखोरों पर प्रहार करते हुए 90 रुपये किलो टमाटर बेची. इसके बाद उन्होंने 50 रुपये किलो के भाव पर इसकी बिक्री की. अब वे रविवार से 40 रुपये किलो इसे बेच रहे हैं.
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) पहले से ही केंद्र सरकार की ओर से रियायती दर पर टमाटर बेच रहा है और अब उसे ‘बफर स्टॉक’ से प्याज की खुदरा बिक्री का काम सौंप दिया गया है. सरकार की ओर से बफर स्टॉक तैयार करने की जिम्मेदारी मिलने के बाद एनसीसीएफ लोगों को प्याज की उच्च कीमतों से राहत देने के लिए सोमवार से दिल्ली में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर सरकारी ‘बफर स्टॉक’ से इसकी खुदरा बिक्री शुरू कर दिया है.