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Jharkhand: राजधानी रांची के वीमेंस कॉलेज में बुधवार को सरहुल मिलन समारोह आयोजित किया गया. जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजित कुमार और विशिष्ट अतिथि कुलसचिव मुकुंद मेहता एवं महाविद्यालय के असिसटेंट प्रोफेसर सह पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ विजय सिंह गागराई थे.
‘प्रकृति से जुड़ा हुआ बहुत प्यारा त्योहार है सरहुल’
इस कार्यक्रम का उद्घाटन सबसे पहले आदिवासी भजन एवं दीप प्रज्वलित के साथ किया गया. इसके बाद उपस्थित अतिथियों का स्वागत आदिवासी परंपरागत तरीके से किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति अजीत कुमार सिन्हा ने सरहुल त्योहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सरहुल पर्व प्रकृति से जुड़ा हुआ बहुत प्यारा त्योहार है. यह त्योहार सौ वर्षों से जनजातियों द्वारा मनाया जा रहा है और आज भी बरकरार है. उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग लाखों वर्षों से निवास करते आ रहे हैं. सरहुल पर्व पर लोग प्रकृति का परंपरागत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते आ रहे हैं.
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‘जनजातीय समुदाय के लोग प्राकृतिक पूजा पाठ को बचा रहे’
वहीं, डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि हमारे जनजातीय समुदाय के लोग प्राकृतिक पूजा पाठ को संयोजते हुए आ रहे हैं. इसलिए आज के नये युवा पीढ़ी के लोग भी इसे बरकरार बनाये रखें. उन्होंने कहा कि आदिवासी जनजातियों में भी लोग शिक्षित होकर आगे बढ़ रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि सरहुल पर्व प्रकृति में अपने जीवन का एक सौंदर्य पूर्ण संबंधों को समेटे हुए एक नये साल की शुरुआत करता है. उन्होंने सरहुल पर्व की बधाई दी. इस मौके पर जनजातीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष अल्बिना जोजो, क्षेत्रीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष करमी मांझी समेत कई विभाग की शिक्षिकाएं उपस्थित थीं.