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चांदी काट रहे निजी अस्पताल, एक दिन के 58 हजार रुपये तक वसूल रहे

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कोराेना काल में राजधानी के निजी अस्पताल चांदी काट रहे हैं. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण सरकार द्वारा बनाये गये डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) में बेड कम पड़ने लगे हैं.

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राजीव पांडेय, रांची : कोराेना काल में राजधानी के निजी अस्पताल चांदी काट रहे हैं. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण सरकार द्वारा बनाये गये डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) में बेड कम पड़ने लगे हैं. ऐसे में निजी अस्पताल मरीजों से कमरा, पीपीइ किट, मास्क, नर्सिंग चार्ज सहित अन्य सुविधाओं के नाम पर मनमाना पैसा वसूल रहे हैं.

मिसाल के तौर पर राजधानी के एक बड़े निजी अस्पताल ने एक मरीज से एक दिन (24 घंटे) के 58,780 रुपये वसूले हैं. वहीं, एक अन्य निजी अस्पताल ने क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कोरोना मरीज से 14 दिनों में 2.31 लाख रुपये वसूले हैं. प्रभात खबर के पास निजी अस्पतालों द्वारा संक्रमितों से वसूले जा रहे पैसाें का पूरा विवरण उपलब्ध है.

राजधानी के एक निजी अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए भर्ती एक मरीज से िसर्फ रूम चार्ज के रूप में 24 घंटे के लिए 13,500 रुपये लिया गया. इसमें दो डॉक्टरों के विजिटिंग चार्ज के नाम पर 1,500 और 3,000 वसूले गये. वहीं, कमरे की सफाई के नाम पर 2,000 रुपये लिया. इधर, एक निजी अस्पताल ने क्रिटिकल केयर में 14 दिनों तक भर्ती संक्रमित से बेड चार्ज के रूप में 56,800 रुपये, डॉक्टरों के विजिटिंग चार्ज के नाम पर 26,300 रुपये और खून जांच के एवज में 43,477 रुपये वसूलेे. संक्रमित जब ठीक हो कर घर जाने को तैयार हुआ, तो उसके परिजनों को कुल 2,31,176 रुपये का बिल थमा िदया गया. बिल का भुगतान करने पर ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी गयी. परिजनों ने बताया कि नर्सिंग चार्ज के लिए रोजाना 4,500 रुपये लिये गये, जो बहुत अधिक है.

फाइव स्टार होटल से भी ज्यादा है कमरे का किराया : राजधानी के बड़े निजी अस्पतालों के कमरे का किराया फाइव स्टार होटल से भी ज्यादा है. राजधानी के एक बड़े निजी अस्पताल में एक दिन का मरीज से एक कमरे का किराया 14,500 रुपये लिया जा रहा है. वहीं, फाइव स्टार होटल में एक दिन का किराया 8,500 रुपये (टैक्स अलग से) है.

कई राज्यों के निजी अस्पतालों में इलाज की दर तय

उत्तर प्रदेश

एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल : मध्यम बीमारी (आइसोलेशन बेड व ऑक्सीजन) गंभीर बीमारी (आइसीयू लेकिन वेंटिलेटर नहीं) बहुत गंभीर बीमारी (आइसीयू में वेंटिलेटर के साथ)

10,000 रुपये (1200 रुपये के पीपीइ किट के साथ) 15,000 रु (दो हजार रु के पीपीइ किट के साथ) 18,000 रु (दो हजार केे पीपीइ किट के साथ)

नन-एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल : मध्यम बीमारी (आइसोलेशन बेड व ऑक्सीजन) गंभीर बीमारी (आइसीयू लेकिन वेंटिलेटर नहीं) बहुत गंभीर बीमारी (आइसीयू में वेंटिलेटर के साथ)

8,000 रुपये (1,200 रु के पीपीइ किट के साथ) 13,000 रु (दो हजार के पीपीइ किट के साथ) 15,000 रु (दो हजार का पीपीइ किट के साथ)

नोट: बी व सी श्रेणी के नगरों मेें स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल उक्त दरों का क्रमश: 80 से 60 फीसदी दर लेंगे.

तेलंगाना : पैकेज प्रतिदिन का दर मिलने वाली इलाज सुविधाएं

रूटीन वार्ड सह अाइशोलेशन 4,000 रुपये प्रतिदिन आवश्यक खून व रेडियोलाॅजी जांच शामिल है, लेकिन पीपीइ किट, कोविड टेस्ट,सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच में शामिल नहीं.

आइसीयू बिना वेंटिलेटर 7,500 रुपये प्रतिदिन आवश्यक खून व रेडियोलाजी जांच शामिल है, लेकिन पीपीइ किट, कोविड टेस्ट, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच में शामिल नहीं.

आइसीयू व वेंटिलेटर 9,000 आवश्यक खून व रेडियोलाॅजी जांच शामिल है, लेकिन पीपीइ किट, कोविड टेस्ट, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच में शामिल नहीं.\

एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल : मध्यम बीमारी (आइसोलेशन बेड व ऑक्सीजन) गंभीर बीमारी (आइसीयू लेकिन वेंटिलेटर नहीं) बहुत गंभीर बीमारी (आइसीयू में वेंटिलेटर के साथ)

10,000 रु (1200 रु के पीपीइ किट के साथ) 15,000 रु (दो हजार के पीपीइ किट के साथ) 18,000 रु (दो हजार के पीपीइ किट के साथ)

नन-एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल

मध्यम बीमारी (आइसोलेशन बेड व ऑक्सीजन) गंभीर बीमारी (आइसीयू लेकिन वेंटिलेटर नहीं) बहुत गंभीर बीमारी (आइसीयू में वेंटिलेटर के साथ)

8,000 रु (1200 रु के पीपीइ किट के साथ) 13,000 रु (दो हजार के पीपीइ किट के साथ) 15,000 रु (दो हजार के पीपीइ किट के साथ)

कमरा, पीपीइ किट, मास्क, नर्सिंग चार्ज के लिए मनमाना पैसे ले रहे अस्पताल

प्रभात खबर के पास उपलब्ध है अस्पतालों द्वारा संक्रमितों से वसूले जा रहे पैसाें का पूरा विवरण

एक दिन के लिए एक कमरे का किराया 14,500 रुपये तक वसूल रहे शहर के निजी अस्पताल

इलाज की दर तय, झारखंड में नहीं

कोरोना संकट से निबटने के लिए देश के कई राज्यों ने निजी अस्पतालाें में इलाज का शुल्क निर्धारित किया है. शुल्क निर्धारित कर इसकी निगरानी के लिए कमेटी भी गठित की गयी है. हॉस्पिटल निर्धारित दर के हिसाब से ही संक्रमित मरीज से पैसा ले रहे हैं. लेकिन झारखंड सरकार ने ऐसी कोई दर (प्राइस कैपिंग) निर्धारित नहीं की है.

इसका खामियाजा संक्रमित मरीजों के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है. निजी अस्पताल अपने हिसाब से कोरोना संक्रमितों के इलाज केे पैसे वसूल रहे है. संक्रमितों के इलाज में दर की एकरूपता नहीं है. हर अस्पताल अलग-अलग दर पर इलाज कर रहे हैं.

मेडिका अस्पताल : मेडिका अस्पताल में एडवांस के रूप में 10,000 रुपये जमा करना पड़ता है. वहीं, सामान्य मरीजों से प्रतिदिन आठ से 10,000 रुपये लिये जाते हैं. सिंगल रूम का किराया सात से आठ हजार रुपये लिया जाता है. अगर मरीज सुइट कमरे में रहना चाहता है, तो इसका किराया करीब 15,000 रुपये होता है.

मेदांता अस्पताल, इरबा : मेदांता अस्पताल में कोरोना संक्रमित को भर्ती करने से पहले 35,000 से 40,000 रुपये एडवांस के रूप में जमा लिये जाते हैं. वहीं, सामान्य वार्ड का किराया आठ हजार से 10 हजार रुपये निर्धारित है. इसके अलावा दवा का खर्च व अन्य सुविधाओं का चार्ज अलग से लिया जाता है.

पल्स अस्पताल : पल्स अस्पताल में कोरोना संक्रमित को भर्ती करने से पहले 40 हजार रुपये एडवांस लिये जाते हैं. यहां कमरे का किराया 6,000 से 14,000 रुपये तक है. दवा, नर्सिंग चार्ज, सैनिटाइजेशन, पीपीइ किट, डॉक्टर विजिटिंग व खाना का अलग से चार्ज लिया जाता है.

राज अस्पताल : राज अस्पताल में कोरोना संक्रमित के इलाज के लिए प्रतिदिन 6,000 से 8,000 रुपये दर निर्धारित है. इसमें दवा, नर्सिंग चार्ज, डॉक्टर विजिटिंग चार्ज, पीपीइ किट व खाने का चार्ज जुड़ा है. यहां मरीजों के परिजनों से एडवांस के रूप में न्यूनतम राशि जमा ली जाती है.

गुरुनानक अस्पताल : स्टेशन रोड स्थित गुरुनानक अस्पताल में कोरोना संक्रमिताें के इलाज की दर 6,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय की गयी है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि संक्रमित के परिजन अगर पैसा देने में समक्ष हैं, तो एक-दो दिन का एडवांस लिया जाता है. अगर सक्षम नहीं हैं, तो रुपये जमा करने की कोई बाध्यता नहीं है.

सेवा सदन अस्पताल : कोरोना संक्रमितों के लिए अस्पताल में सामान्य बेड का चार्ज रोजाना 6,000 व सिंगल रूम का किराया 9,000 रुपये है. इसके अलावा डॉक्टर के लिए पीपीइ किट, विजिटिंग व दवा का अलग से चार्ज लिया जाता है. भर्ती होने के समय 40 से 50 हजार रुपये एडवांस जमा करा लिये जाते हैं.

आर्किड अस्पताल : सामान्य कोरोना संक्रमितों से प्रतिदिन : पांच हजार रुपये चार्ज लिया जाता है. आइसीयू में भर्ती होने पर 10,000 रुपये प्रतिदिन लिये जाते है. वहीं, दवा व पीपीइ किट का चार्ज अलग से लिया जाता है. यहां एडवांस के रूप में 50,000 रुपये जमा कराये जाते हैं.

सैमफोर्ड अस्पताल : सामान्य संक्रमितों के इलाज का चार्ज प्रतिदिन छह से 10 हजार रुपये तय है. वहीं, अगर संक्रमित बिना वेंटिलेटर के आइसीयू में रहता है, तो प्रतिदिन का बिल 15 से 20 हजार रुपये बनता है. अगर मरीज वेंटिलेटर पर है, तो बिल 25,000 हजार रुपये प्रतिदिन आता है. यहां एडवांस के रूप में 50,000 लिये जाते हैं.

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