झारखंड की ये जगह हैं छुट्टियां मनाने के लिए सबसे बेहतरीन, खूबसूरती ऐसी कि मन मोह ले
पेड़ पौधे, नदियों और झीलों से अच्छादित झारखंड की सुंदरता में चार चांद लगा देती है. साथ ही विभिन्न प्रकार की पक्षियों की चहचहाट भी वातावरण को खुशनुमा बना देती है. आज हम आपको झारखंड के ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बतायेंगे
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अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में प्राकृतिक सौंदर्य का आंनद लेना चाहते हैं तो झारखंड से बेहतर जगह शायद ही आपको मिले. क्योंकि पेड़ पौधे, नदियों और झीलों से अच्छादित झारखंड की सुंदरता में चार चांद लगा देती है. साथ ही विभिन्न प्रकार की पक्षियों की चहचहाट भी वातावरण को खुशनुमा बना देती है. आज हम आपको झारखंड के ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बतायेंगे जहां आप बार बार अपने परिवार के साथ घूमना पसंद करेंगे.
झारखंड की राजधानी रांची से 157 किलोमीटर दूर स्थित नेतरहाट अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, झरनों और मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है. यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता हैं. झारखंड पर्यटन में इस जगह को ‘छोटानागपुर की रानी’ कहा जाता है और ब्रिटिश इसे ‘प्रकृति का हृदय’ के नाम से जानते थे.
राजधानी रांची से करीब 45 किमी की दूरी पर स्थित है जोन्हा फॉल. इसे लोग गौतमधारा के नाम से भी जानते हैं. रांची-पुरुलिया राजमार्ग पर यह खूबसूरत फॉल है. गांव के नाम पर ही इसका नाम है जोन्हा पड़ा है. चट्टानों की बीच से गिरता पानी इसकी खूबसूरती है. यहां चट्टानों को नदी के फटे हुए गुरलिंग पानी में शामिल होने के लिए अपने प्राकृतिक ढाल के नीचे माना जाता है
पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) देश के उन नौ अभयारण्य में से पहला है, जिन्हे 1974 में आरक्षित वन होने का तमगा मिला था. 1026 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य में ही पहली बार बाघों की गिनती की गयी थी. बाघ यहां के प्रमुख वन्य जीव है, कभी 40 से 45 बाघों के विचरण क्षेत्र में फिलहाल सात से आठ बाघ होने के अपुष्ट जानकारी मिलती है. बाघ के अलावा हाथी पलामू टाइगर रिजर्व का सबसे अधिक चर्चित जानवर है. यहां टस्कर (दांत वाला) और मकना ( बिना दांत के ) दोनों हाथी पाए जाते है.
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम में 700 पहाड़ियों से घिरा सारंडा जंगल दुनिया के सबसे घने जंगल में से एक है. सारंडा जंगल देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जिला मुख्यालय चाईबासा में नए साल के मौके पर हजारों की तदाद में सैलानी यहां पहुंचते हैं.