झारखंड स्थापना दिवस कब मनाया जाता है, प्रदेश की विशेषताओं के बारे में यहां जानें
झारखंड स्थापना दिवस: झारखंड की राजधानी रांची और उसके आसपास बड़ी संख्या में झील और जलप्रपात हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. रांची में हुंडरू फॉल, दशम फॉल, जोन्हा फॉल, पंचघाघ फॉल हैं, तो बिरसा जैविक उद्यान भी है.
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झारखंड स्थापना दिवस: झारखंड गठन को 22 साल पूरे होने जा रहे हैं. 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस (Jharkhand Foundation Day) मनाया जायेगा. इस दिन हर साल की तरह इस वर्ष भी अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. लंबे संघर्ष के बाद अलग झारखंड राज्य का गठन हुआ था. वर्ष 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद मध्यप्रदेश, ओड़िशा और बिहार राज्य का गठन हुआ. फिर वर्ष 2000 में बिहार राज्य के कुछ हिस्से को काटकर झारखंड राज्य का गठन किया गया.
झारखंड को कहा जाता है जलप्रपातों का प्रदेश
झारखंड की सीमाएं बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से लगती हैं. प्रदेश के उत्तर में बिहार है, तो दक्षिण में ओड़िशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल है, तो पश्चिम में छत्तीसगढ़ और उत्तर पश्चिमी हिस्से में उत्तर प्रदेश राज्य स्थित है. झारखंड की राजधानी रांची है. खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में पर्यटन स्थल भी हैं. इसे जलप्रपातों का प्रदेश भी कहा जाता है.
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रांची के झील और जलप्रपात
झारखंड की राजधानी रांची और उसके आसपास बड़ी संख्या में झील और जलप्रपात हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. रांची में हुंडरू फॉल, दशम फॉल, जोन्हा फॉल, पंचघाघ फॉल हैं, तो बिरसा जैविक उद्यान भी है. रांची झील है, तो कांके डैम भी है. धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर भी लोगों के आकर्षण और आस्था का केंद्र है.
झारखंड में है खनिज का विशाल भंडार
भारत में जितने भी खनिज भंडार हैं, उसका विशाल 40 फीसदी हिस्सा झारखंड में है. परमाणु ऊर्जा के लिए जरूरी यूरेनियम का बड़ा खनिज भंडार झारखंड में है. अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाईट, सोना, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाईट, डोलोमाइट, फायरक्ले, क्वार्ट्ज, फील्डस्पर, कोयला (भारत का 32 फीसदी कोयला भंडार), लोहा, तांबा (भारत के भंडार का 25 फीसदी) का विशाल भंडार झारखंड में है.
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झारखंड के प्रमुख फल
सेव और केसर की खेती आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में होती है. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में ये चीजें पायी जाती हैं. लेकिन, झारखंड के किसानों ने यहां भी केसर और सेव की खेती शुरू कर दी है. अमरूद, केला, पपीता और नींबू यहां के प्रमुख फल हुआ करते थे. झारखंड में काजू की भी खेती होती है. सिल्ली में अमरूद बगान है, तो पूर्वी सिंहभूम में काजू बागान.