देश के कई राज्यों में कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने को लेकर आंदोलन जारी है. जगरनाथ महतो ने निधन से पहले इस मामले पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में कहा था कि कुड़मी एसटी में शामिल था. बिना किसी पत्र या गजट के कुड़मी को अनुसूचित जनजाति से बाहर कर दिया गया. केंद्र बताये कि कुड़मी को क्यों एसटी की सूची से बाहर किया गया. कुड़मी अगर एसटी में शामिल नहीं था, तो फिर उसकी जमीन सीएनटी (CNT) में कैसे है. कुड़मी को वर्ष 1931 में एसटी (ST) की सूची से बाहर कर दिया गया था.