Jharkhand Weather: झारखंड में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड, पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी से होगा सक्रिय
झारखंड समेत देश भर के आदिवासी करमा पूजा मना रहे हैं. शैक्षणिक संस्थानों के अलावा सामाजिक संगठनों की ओर से भी करमा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने रांची विश्वविद्यालय में आयोजित ‘करम महोत्सव’ में भाग लिया. इस अवसर पर राधाकृष्णन ने कहा कि ‘करमा पूजा’, जिसे ‘करम पर्व’ के रूप में भी मनाया जाता है, हमारे राज्य के सबसे बड़े त्योहारों में एक है.
यह पर्व देश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है. इसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संरक्षित करने में मदद करता है. जिस तरह केला का एक पेड़ अपने पीछे नन्हे पौधे को छोड़ जाता है, उसी प्रकार यह उत्सव भी भावी पीढ़ी के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करता है.
उन्होंने कहा कि हमारे झारखंड की संस्कृति बहुत जीवंत है. यहां विभिन्न धर्मों, समुदायों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग रहते हैं. हमारा देश अनेकता में एकता का अनुपम व उत्कृष्ट उदाहरण है.
राज्यपाल ने कहा कि यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच के गहरे व अटूट रिश्ते को दर्शाता है. हमारे जनजातीय भाई-बहन सही मायने में प्रकृति के संरक्षक हैं. प्रकृति की रक्षा करने का बोध उनके हृदय में है. वे प्रकृति का मान-सम्मान करते हैं एवं पूरी दुनिया को इसके संरक्षण का संदेश देते हैं.
उन्होंने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग के कारण पूरा विश्व पर्यावरण संबंधी विभिन्न चुनैतियों का सामना कर रहा है. ऐसे में करमा पूजा पूरे विश्व के लिए एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करता है. राज्यपाल ने इस अवसर पर झारखंड के समृद्ध भविष्य का आशीर्वाद मांगते हुए सभी की खुशहाली की कामना की.