Jharkhand Weather: झारखंड में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड, पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी से होगा सक्रिय
Jharkhand Election 2024, गुमला : गुमला जिले की सिसई विधानसभा सीट से चार बार विधायक बनने का रिकॉर्ड बंदी उरांव के नाम है. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी लोग उनके द्वारा क्षेत्र में किये गये कार्यों को याद करते हैं. बंदी उरांव ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने आइपीएस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में प्रवेश किया था. वे बिहार व झारखंड राज्य के कद्दावर नेता माने जाते थे. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने विचारों, सिद्धांतों और राज्य की जनमानस के हित के लिए लगा दी.
लगातार चार बार विधायक रहे
साल 1980 में बंदी उरांव आइपीएस की सर्विस छोड़ कर राजनीति में प्रवेश किये. जनता से उनके जुड़ाव व प्यार का ही नतीजा था कि वे सिसई विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे. 1980, 1985, 1991 व 1995 में विधायक बने. अब तक कोई विधायक उनका रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया है. बंदी उरांव ने अपने राजनीतिक जीवन में कई ऐसे काम किये हैं, जो कि संवैधानिक प्रावधान के रूप में पूरे देश में लागू है.
कार्तिक उरांव के कहने पर ही आए थे राजनीति में
कार्तिक उरांव के साथ मिलकर बंदी उरांव ने जनता के बीच रहकर काम किया. कार्तिक उरांव के कहने पर ही बंदी उरांव राजनीति में आये थे. त्यागपत्र देकर नौकरी छोड़ दी थी. उनका मानना था कि यहां ऐसे राजनेता की जरूरत है, जो राज्य की जनता के लिए काम करे. बंदी उरांव का घर भरनो प्रखंड के दतिया में गांव है. बंदी उरांव ने सिसई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूती दी थी. आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां बंदी उरांव को लोग याद करते हैं.
कौन हैं बंदी उरांव
बंदी उरांव सिसई से न सिर्फ चार टर्म के विधायक हैं, बल्कि वे बिहार सरकार में मंत्री भी रहे. साल 1980 में वे गिरिडीह के एसपी थे. उनकी पुत्र वधू गीताश्री उरांव भी सिसई से कांग्रेस की विधायक और झारखंड की शिक्षा मंत्री रह चुकी है. उनके बेटे अरूण उरांव फिलहाल भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं. वे भी अपने पिता की तरह आइपीएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आएं.