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गबन के एक मामले में सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री जगरनाथ समेत अन्य द्वारा दायर किये गये स्पेशल लीव अपील संख्या 8434/21 पर सुनवाई करते हुए शिकायत वाद संख्या 179/17 को खारिज कर दिया. साथ ही डेग लाल महतो को न्यायालय का समय बर्बाद करने और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए 10 हजार रुपये सुप्रीम कोर्ट नन-क्लेरिकल इंम्प्लाई वेलफेयर एसोसिएशन में एक माह के अंदर जमा करने का आदेश दिया है.
हाइकोर्ट से नहीं मिली थी राहत :
मंत्री जगरनाथ महतो समेत अन्य आरोपियों ने निचली अदालत द्वारा 27 जून 19 को पारित आदेश को चुनौती दी थी और पूरे आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना झारखंड हाइकोर्ट से की थी. सुनवाई के प्रथम चरण में हाइकोर्ट ने सभी आरोपियों के विरुद्ध आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. परंतु दो अगस्त 2021 को हाइकोर्ट ने इस मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए रिट याचिका खारिज कर दी थी. हाइकोर्ट ने उनके खिलाफ सुनवाई पर लगे रोक को भी हटा लिया था.
गबन का है आरोप :
झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने नौ फरवरी 2017 को कॉलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो, फूलचंद महतो, रामेश्वर प्रसाद यादव, रवींद्र कुमार सिंह, प्रताप कुमार यादव, मोती लाल महतो, राजेंद्र महतो के विरुद्ध कॉलेज की 27 लाख रुपये की राशि गबन करने का आरोप लगाते हुए शिकायत वाद संख्या 179/17 दर्ज कराया था.
27 जून 2019 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह रंजय कुमार की अदालत ने उपरोक्त सभी के विरुद्ध प्रथमदृष्टया आरोप सही पाते हुए सभी आरोपियों के विरुद्ध समन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया था. समन के बाद भी आरोपित हाजिर नहीं हुए थे. लिहाजा अदालत ने 20 जनवरी 2020 को मंत्री जगरनाथ महतो समेत सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था.