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रांची : झारखंड में मानव तस्करी रोकने के लिए सरकार तमिलनाडु की तर्ज पर एक्शन प्लान तैयार कर सकती है. इसके लिए आठ बिंदुओं पर एजेंडा तैयार किया गया है. इन पर कार्रवाई के लिए दो नवंबर को मुख्य सचिव बैठक करेंगे. मामले में सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सुझाव दिया है कि अगर राज्य के बाहर काम के लिए जानेवाले मजदूरों का डाटाबेस हो, तो इस पर रोकथाम लगाने में सहायता मिलेगी.
अगर राज्य में ऐसी कोई व्यवस्था लागू हो, जिसमें यह प्रावधान हो कि राज्य से बाहर जानेवाले मजदूर खुद अपने आपको राज्य की किसी इकाई के पास रजिस्टर्ड कराते हैं, तो राज्य सरकार के पास इनका डाटा भी होगा. इस व्यवस्था को लागू करने के लिए तमिलनाडु में तमिलनाडु मैनुअल वर्कर रेगुलेशन एक्ट है. इस अधिनियम को राज्य में भी लागू किया जा सकता है.
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वेलफेयर बोर्ड का प्रावधान :
अधिनियम में एक वेलफेयर बोर्ड का प्रावधान है. इसके तहत विशेषकर कंस्ट्रक्शन वर्कर को प्रयोग करनेवाली इकाइयों में से कुछ से राशि बोर्ड को उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इस राशि का प्रयोग मजदूरों के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे उनकी पेंशन, एक्सीडेंट, बच्चों की पढ़ाई- लिखाई और शादी आदि में किया जाता है. ट्रैफिकिंग के शिकार लोगों को वापस लाने में कठिनाई नहीं हो, इसके लिए वायुमार्ग से लाने की सुविधा देने की पहल की जाती है.