Jharkhand High Court News : जगन्नाथपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर को एक-एक माह की सजा
झारखंड हाइकोर्ट ने जगन्नाथपुर थाना की पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा-41ए का नोटिस दिये बिना गिरफ्तारी करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इरशाद उर्फ इरशाद राजी व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका को स्वीकार कर लिया.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने जगन्नाथपुर थाना की पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा-41ए का नोटिस दिये बिना गिरफ्तारी करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इरशाद उर्फ इरशाद राजी व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका को स्वीकार कर लिया. साथ ही प्रतिवादी जगन्नाथपुर थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी हरिदेव प्रसाद व असिस्टेंट एडिशनल सब इंस्पेक्टर (अनुसंधानकर्ता) राजीव कुमार रंजन को अदालत की अवमानना का दोषी पाया.
कोर्ट ने दोनों को सुप्रीम कोर्ट जाने की छूट दी
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्नेस कुमार बनाम बिहार व अन्य तथा सत्येंद्र कुमार अंतील बनाम सीबीआइ केस में दिये गये निर्णयों में निहित निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए हरिदेव प्रसाद व राजीव रंजन को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया जाता है. साथ ही दोनों को 2000 रुपये के जुर्माने के साथ एक-एक महीने का साधारण कारावास भुगतने की सजा सुनायी जाती है. इनको दी गयी कारावास की सजा के मद्देनजर चार सप्ताह के लिए निलंबित किया जाता है, ताकि वे यदि चाहें, तो भारत के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकें.
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश
खंडपीठ ने राज्य सरकार को इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो उनकी रिहाई के छह माह के भीतर पूरी की जायेगी. प्रतिवादी हरिदेव प्रसाद व राजीव कुमार रंजन को 50-50 हजार रुपये हर्जाना प्रार्थियों को भुगतान करने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी कहा कि प्रार्थी गलत गिरफ्तारी के लिए मुआवजे का दावा करने के लिए कानून में उपलब्ध अन्य उपायों का लाभ उठाने के लिए भी स्वतंत्र हैं. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इरशाद उर्फ इरशाद राजी ने अवमानना याचिका दायर की थी. उन्होंने प्रतिवादी जगन्नाथपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी हरिदेव प्रसाद व सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार रंजन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. कहा था कि बिना 41ए का नोटिस दिये उनकी गिरफ्तारी की गयी, जो अदालत की अवमानना है.
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