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रांची : झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने चंपाई सोरेन पर ऐसी टिप्पणी की कि बवाल मच गया. अंत में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने उक्त टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने की बात कही तब जाकर मामला शांत हुआ. हुआ यूं कि विधानसभा की कार्रवाही के दौरान हेमलाल मुर्मू ने कहा कि चंपाई सोरेन के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया. चंपाई सोरेन ने भी उनकी टिप्पणी का जवाब देते हुए इसे नैतिक पतन करार दिया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल हेमलाल मुर्मू ने विधानसभा सत्र की कार्रवाही के दौरान चंपाई सोरेन के बीजेपी में जाने को लेकर असंसदीय भाषा किया. उन्होंने अपनी मिसाल देते हुए कहा कि वे भी बीजेपी में दस साल रहे लेकिन उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया. उन्होंने दावा किया है कि वह 10 साल बाद फिर से झामुमो में वापसी करेंगे. हेमलाल मुर्मू यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि बीजेपी की पकड़ आदिवासी समाज के बीच से खत्म हो गयी है.
हेमलाल मुर्मू हिमंता विश्व सरमा पर कसा तंज
हेमलाल मुर्मू ने असम के सीएम हिमंता विस्वा सरमा पर तंज कसते हुए कहा कि वह गोगो दीदी योजना को पोटली में बांधकर गुवाहटी ले गये हैं. लिट्टीपाड़ा से विधायक गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी के कमल फूल की पंखुड़ियां उड़ा दी.
चंपाई सोरेन ने क्या दिया जवाब
बीजेपी विधायक सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने हेमलाल मुर्मू के सवालों का जवाब देते इसे उनका नैतिक पतन करार दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते आज विधानसभा में एक ऐसे सदस्य ने मेरे खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया, जिनका नैतिक पतन हो चुका है. यह भाषा उनके संस्कारों को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि मैंने आंदोलन से लेकर सदन तक, हमेशा जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है. मैनें अपने चार दशक के लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी भी, किसी के लिए ऐसी घटिया शब्दावली का प्रयोग नहीं किया.
पार्टी बदलने के बावजूद मुझे जनता समर्थन मिला- चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन ने आगे लिखा कि मेरा अतीत आंदोलन से जुड़ा है. जीवन के हर मोड़ पर, पार्टी बदलने के बावजूद मुझे जनता का अपार समर्थन मिला है. शायद इस लिए वैसे लोग मेरी जीत को पचा नहीं पा रहे हैं, जिनका अस्तित्व ही पार्टी विशेष के रहमो-करम पर टिका हो.
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