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राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने टीएसी गठन की फाइल लौटायी, पांच का मांगा चरित्र प्रमाण पत्र

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रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य सरकार द्वारा जनजातीय सलाहकार परिषद (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) के गठन से संबंधित फाइल कुछ आपत्ति के साथ सशर्त वापस कर दी है. सरकार ने समिति में जिन बाह्य नामित सदस्यों को शामिल किया है, उस पर राज्यपाल ने आपत्ति जतायी है.

उन्होंने कहा कि नियमानुसार इन सबका चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र होना चाहिए. राज्यपाल ने सरकार को निर्देशित किया है कि नियमानुसार पहले इन व्यक्तियों का चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र स्पेशल ब्रांच व अन्य स्रोतों से मंगा लिया जाये. सही पाये जाने के बाद ही समिति के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है.

मालूम हो कि राज्य सरकार ने 31 अक्तूबर 2020 को हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा आदिवासी कल्याण योजनाअों की निगरानी अौर क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए जनजातीय सलाहकार परिषद के गठन का प्रस्ताव बना कर राज्यपाल के पास भेजा था.

इसमें मुख्यमंत्री अध्यक्ष सहित जनजातीय कल्याण मंत्री चंपई सोरेन पदेन उपाध्यक्ष हैं. 16 विधायक में स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, चमरा लिंडा, दशरथ गगरई, विकास मुंडा, दीपक बिरूवा, कोचे मुंडा, राजेश कच्छप, भूषण तिर्की, नमन विक्सल कोंगाड़ी, सोनाराम सिंकू व सुखराम उरांव को रखा गया है.

जबकि चार नामित सदस्य में विक्टर माल्टो, करमा उरांव, जमला उरांव, पूर्व विधायक सनातन मांझी तथा एक विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में विश्वनाथ सिंह सरदार को रखा गया है. हेमंत सरकार के बनने के 10 माह बाद टीएसी का गठन किया जा रहा है. इसमें मुख्य रूप से सीएनटी, एसपीटी एक्ट, सरना धर्म कोड जैसे मामले की भी चर्चा की जानी है.

समिति के पांच नामित व आमंत्रित सदस्यों का चारित्रिक प्रमाण पत्र मंगाने और सही पाये जाने के बाद ही अधिसूचना जारी करने का निर्देश

posted by : sameer oraon

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य सरकार द्वारा जनजातीय सलाहकार परिषद (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) के गठन से संबंधित फाइल कुछ आपत्ति के साथ सशर्त वापस कर दी है. सरकार ने समिति में जिन बाह्य नामित सदस्यों को शामिल किया है, उस पर राज्यपाल ने आपत्ति जतायी है.

उन्होंने कहा कि नियमानुसार इन सबका चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र होना चाहिए. राज्यपाल ने सरकार को निर्देशित किया है कि नियमानुसार पहले इन व्यक्तियों का चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र स्पेशल ब्रांच व अन्य स्रोतों से मंगा लिया जाये. सही पाये जाने के बाद ही समिति के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है.

मालूम हो कि राज्य सरकार ने 31 अक्तूबर 2020 को हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा आदिवासी कल्याण योजनाअों की निगरानी अौर क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए जनजातीय सलाहकार परिषद के गठन का प्रस्ताव बना कर राज्यपाल के पास भेजा था.

इसमें मुख्यमंत्री अध्यक्ष सहित जनजातीय कल्याण मंत्री चंपई सोरेन पदेन उपाध्यक्ष हैं. 16 विधायक में स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, चमरा लिंडा, दशरथ गगरई, विकास मुंडा, दीपक बिरूवा, कोचे मुंडा, राजेश कच्छप, भूषण तिर्की, नमन विक्सल कोंगाड़ी, सोनाराम सिंकू व सुखराम उरांव को रखा गया है.

जबकि चार नामित सदस्य में विक्टर माल्टो, करमा उरांव, जमला उरांव, पूर्व विधायक सनातन मांझी तथा एक विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में विश्वनाथ सिंह सरदार को रखा गया है. हेमंत सरकार के बनने के 10 माह बाद टीएसी का गठन किया जा रहा है. इसमें मुख्य रूप से सीएनटी, एसपीटी एक्ट, सरना धर्म कोड जैसे मामले की भी चर्चा की जानी है.

समिति के पांच नामित व आमंत्रित सदस्यों का चारित्रिक प्रमाण पत्र मंगाने और सही पाये जाने के बाद ही अधिसूचना जारी करने का निर्देश

posted by : sameer oraon

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