झारखंड के गांवों में बढ़ने लगी डिजिटल शिक्षा, ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बनाने की हो रही कोशिश

डिजिटल स्टार्टअप से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. वहीं, युवा भी इसके माध्यम से स्वावलंबी बन रहे हैं. अब डिजिटल शिक्षा का प्रसार गांवों में भी होने लगा है. राइटर्स कम्युनिटी कई युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त करने में सहयोग कर रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2022 6:43 AM
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Jharkhand news: पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल दुनिया के बढ़ते कदम ने एक नई क्रांति शुरू की है. ऐसे में कई युवाओं ने इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए इस क्षेत्र को भी युवाओं ने अपनाया है. आये दिन कुछ नये स्टार्टअप डिजिटल दुनिया में अपना कदम जमा रहे हैं. इससे लोगों को अप्रत्याशित लाभ भी मिला है. दूसरी ओर, डिजिटल स्टार्टअप के कारण रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हुई है.

राइटर्स कम्युनिटी से जुड़े हैं कई युवा

इसी बीच युवाओं को लेखन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर देने वाली कंपनी राइटर्स कम्युनिटी ने भी भारतीय फ्रीलांसर मार्केटप्लेस के रूप में कदम रखा है. अब तक 500 से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा चुकी इस कंपनी ने अब लोगों को नि:शुल्क डिजिटल प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है.

गांवों की ओर बढ़ा डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम

राइटर्स कम्युनिटी के संस्थापक अंकित देव अर्पण बताते हैं कि पहले हमने आईआईटी, वनस्थली विद्यापीठ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, आईआईएम आदि के छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रमों का आयोजन किया था. लेकिन, इसके बाद हमें लगा कि गांवों में रहने वाले लोगों के लिए भी डिजिटल प्रशिक्षण शुरू करना चाहिए. सोशल मीडिया मैनेजमेंट, एसईओ मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, कंटेंट राइटिंग जैसे कोर्स करने से लोग गांवों में बैठकर भी शहर की बड़ी कंपनियों के साथ जुड़ सकते हैं एवं घर बैठे पैसे कमा सकते हैं. यहीं नहीं वो फ्रीलांसर के रूप में भी अलग लोगों या कंपनियों का काम घर बैठे कर सकते हैं.

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महिलाओं में बढ़ी रुचि

वहीं, राइटर्स कम्युनिटी की सह संस्थापिका शान्या दास बताती हैं कि हाल ही में सात दिवसीय नि:शुल्क सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित किया था. जिसमें मात्र एक दिन में 250 से ज्यादा लोगों ने अपनी रुचि दिखाई. विशेष बात यह थी कि इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी और उन लोगों ने सातों दिन कोर्स किया एवं सभी गतिविधियों में शामिल हुईं.

डिजिटल कार्यक्रम से अधिक से अधिक लोग जुड़ें

अंकित देव अर्पण एवं शान्या दास बताते हैं कि स्थापना के दो वर्ष के अंदर ही देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 500 लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ 50 से अधिक छात्रों को इंटर्नशिप और 300 से अधिक लोगों को विभिन्न डिजिटल प्रशिक्षण दिये. हमारी कोशिश है कि आगे भी लोगों को डिजिटल कार्यक्रमों से जोड़ा जाय. कहते है कि हमें अच्छा लगता है जब हमारे यहां से प्रशिक्षित होकर इंटर्न्स कुछ बड़े समाचार चैनल, खेल कंपनियां, डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों आदि में खुद को स्थापित करते हैं.


इनपुट : महिमा सिंह, रांची.

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