Jharkhand Weather: झारखंड में अगले दो दिनों तक कड़ाके की ठंड, पश्चिमी विक्षोभ 10 जनवरी से होगा सक्रिय
रांची. रिम्स में टीबी की जांच के लिए 1.25 करोड़ की लागत से तैयार बीएसएल थ्री ग्रेड लैब शुरू नहीं हो पाया है. इसमें उपकरण की कमी आड़े आ रही है. लैब को जुलाई महीना में ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन उपकरण नहीं मिलने से यह शुरू नहीं हो सका है. अगर लैब शुरू हो जाता, तो एमडीआर टीबी के प्रसार को आसानी से रोका जा सकता है. यह राज्य का तीसरा लैब होगा.
जांच की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक
इधर, बीएसएल थ्री लैब केंद्र सरकार के सहयोग से देश के सभी राज्यों में स्थापित किया जा रहा है. इसे टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्थापित किया जा रहा है. जांच शुरू होने से यह पता चलेगा कि टीबी मरीजों में दवाइयां आखिर क्यों काम नहीं कर पा रही हैं. लैब में सैंपल लेने से लेकर जांच की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक है. लैब में जीरो बैक्टीरिया के लिए कर्मचारियों को बीएसएल थ्री लैब की गाइडलाइन का पालन करना है. बताते चलें कि वर्तमान में इटकी टीबी सेनेटोरियम और धनबाद मेडिकल कॉलेज में यह लैब स्थापित है. हालांकि, धनबाद में लैब अभी बंद है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है