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प्रणव, रांची : एंटी टेरेरिस्ट स्कवाॅयड (एटीएस) काे सशक्त बनाया जायेगा, ताकि पूरे राज्य में आतंकवाद निरोधी दस्ता और संगठित अपराध के खिलाफ खुलकर काम किया जा सके. इसको लेकर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने पुलिस आदेश जारी किये हैं. आदेश में कहा गया है कि एटीएस का प्रशासनिक नियंत्रण डीजीपी के अंदर होगा. जबकि एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर के जिम्मे एटीएस का अधीक्षण व परिचालनिक नियंत्रण का प्रभार होगा. वे अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर दायित्वों का निर्वहन करेंगे.
जबकि एटीएस के रुटीन कार्यों की जवाबदेही एसपी के जिम्मे होगी. एटीएस की ट्रेनिंग, सूचना संकलन, अभियान, जांच, अनुसंधान व अन्य सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय का कार्य भी एडीजी अभियान देखेंगे. एटीएस को मजबूत करने के लिए विशेष समूह, स्पेशल वेपन एंड टेक्निकल ग्रुप और एंटी सबोटाज टीम, अनुसंधान व अभियोजन प्रकोष्ठ, अंतरराज्जीय अपराधी के लिए प्रकोष्ठ आदि का गठन होगा. सभी प्रकोष्ठ के इंचार्ज इंस्पेक्टर रैंक के अफसर होंगे. एटीएस के अफसर व कर्मी की सामान्यत: किसी और जगह तैनाती नहीं की जायेगी. विशेष परिस्थिति में अति आवश्यक होने पर एडीजी अभियान प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे.
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एटीएस का मुख्य उद्देश्य नार्को आतंकवाद, साइबर आतंकवाद, आर्थिक आतंकवाद, उनके सहयोगियों और आश्रयदाताओं पर कार्रवाई कर राज्य को इनसे मुक्त रखना होगा. वहीं देश के अन्य एजेंसियों को भी सहयोग करना होगा. आतंकी घटनाओं व संगठित अपराध के लिए एटीएस थाना को कहीं भी छापेमारी, गिरफ्तारी व अनुसंधान के लिए प्राधिकृत किया जाता है. जिलों में दर्ज मामले को पुलिस मुख्यालय के आदेश पर एटीएस दर्ज प्राथमिकी को विलोपित करते हुए नयी प्राथमिकी दर्ज करेगा. साथ ही इसकी सूचना कोर्ट को देगा. अनुसंधान का नियंत्रण एडीजी अभियान के पास होगा.
एडीजी की अनुशंसा पर डीजीपी अधीनस्थ पुलिस पदाधिकारी को विशेष जांच, अभियान, छापेमारी या अनुश्रवण के लिए एटीएस में प्रतिनियुक्त करने का आदेश देंगे. डिजिटल साक्ष्य के जल्द प्रोसेसिंग के लिए आधुनिक चलंत साइबर लैब बनाया जायेगा. इसमें सुरक्षित नेटवर्क के साथ समुचित प्रौद्योगिकी सुविधाएं होंगी. एटीएस टीम की कार्रवाई के दौरान किसी भी जिले में वाहन, ईंधन, रहने की व्यवस्था जिले के एसपी करेंगे. इसके लिए एटीएस मौखिक व लिखित में अनुरोध करेगा. एटीएस का दस्ता आतंकवादी हमले के मुकाबले जैसे कार्य के दौरान ही काली वर्दी पहनेगा. अन्य अवसर पर निर्धारित पैटर्न की वर्दी ही पहन सकेंगे.