मांझी परगना लहांती बैसी ने पेसा कानून-1996 पर की चर्चा

कल्याण छात्रावास परिसर में शनिवार को मांझी परगना लहंती बैसी की बैठक प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 5:40 PM
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04 जनवरी फोटो संख्या- 05 कैप्शन- बैठक करते मांझी परगना लहांती बैसी के सदस्य प्रतिनिधि, महेशपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित कल्यान छात्रावास परिसर में शनिवार को मांझी परगना लहंती बैसी की बैठक प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों के लिए बने संसदीय कानून पेसा एक्ट 1996 पर चर्चा की गयी. कहा कि सदियों से अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासी समाज में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था है, लेकिन झारखंड सरकार ने अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को समाप्त करने के लिए असंवैधानिक तरीके से झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 को थोप दिया है, जो कानूनी रूप से गलत है. वर्ष 1996 में संसद में अनुसूचित क्षेत्र के लिए पेसा अधिनियम 1996 बनाया, जिसमें पारंपरिक ग्राम सभा और स्वास्थ्य जिला परिषद की बात कही गयी है. पेसा कानून में ग्राम सभा को शक्ति दी गयी है, ताकि आदिवासी समाज अपने संरक्षण, विकास एवं उन्नति का निर्णय खुद ले सके. अनुसूचित क्षेत्र के लिए संविधान के अनुच्छेद 243 एम (4ख) के तहत उपवादों और उपांतरण के आधार पर ही शासन व्यवस्था होना है. आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के याचिका में झारखंड हाइकोर्ट ने विगत जुलाई में झारखंड सरकार को दो महीने के अंदर पेसा एक्ट के नियमावली को लागू करने का आदेश दिया है. झारखंड सरकार ने अब तक कोई नियमावली नहीं बनाई. झारखंड सरकार हाइकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 23 मूल प्रावधानों के साथ नियमावली जल्द बनाये, अन्यथा हम सभी ग्राम प्रधान आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे. एमपीडब्ल्यू किस्टो कुमार सिंह ने 10 फरवरी से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर ग्राम प्रधानों को जानकारी दी. बताया कि 10 फरवरी को आंगनबाड़ी केंद्र में एल्बेंडाजोल व डीइसी उम्र के हिसाब से खिलाया जाएगा. 11 फरवरी से 25 फरवरी तक घर- घर जाकर दवा खिलाई जायेगी. मौके पर कमलाकांत मुर्मू, स्टेफन हेंब्रम, सुभास्टेंन टुडू, डीजेन हांसदा, सुजीत टुडू, सनत सोरेन, प्रधान सोरेन, बबलू मरांडी, हरिदास मरांडी, अनिता मरांडी, सरस्वती हेंब्रम, लिखवंती हेंब्रम, रानी मरांडी, मेश्वर मरांडी, हरिदास मरांडी, सेफानीएल हांसदा, शिवन्ति टुडू, सावित्री मुर्मू, मरियम हेंब्रम, सविता मरांडी, महारानी हेंब्रम आदि ग्राम प्रधान मौजूद थे.

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