पाकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव भी इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है. इडी की कार्रवाई के बाद पाकुड़ के विधायक और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में हैं. ऐसे में चुनाव के वक्त नुक्कड़ पर हो या चाय की दुकान पर हो या ग्रामीण चौपालों में एक ही चर्चा हो रही है कि क्या कांग्रेस आलमगीर को फिर से टिकट देगी.

कांग्रेस पूर्व विधायक पर खेल सकती है दांव

क्या जेल में रहकर ही आलमगीर आलम चुनाव लड़ेंगे या कांग्रेस इस बार कोई नया उम्मीदवार देगी. पाकुड़ के लोग आपस में राजनीतिक चर्चा कर रहे हैं. यही चर्चा हो रही है कि आलमगीर नहीं तो कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा. क्योंकि एनडीए खेमे से तो संशय खत्म हो गया है, आजसू ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. ऐसे में चर्चा है कि इस बार कांग्रेस से पूर्व विधायक अकिल अख्तर चुनाव लड़ सकते हैं. अभी टिकट को लेकर रस्साकशी चल रही है.

क्या पाकुड़ की जनता खोजेगी विकल्प ?

वहीं चापालों में यह भी चर्चा हो रही है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने के बाद क्या पाकुड़ की जनता विकल्प खोजेगी. ऐसे में कौन बेहतर विकल्प होगा, इस बात को लेकर अलग अलग राजनीतिक दलों के लोग अलग अलग तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं. जो भी बातें हो, लेकिन पाकुड़ सीट पर जीत को लेकर सियासी समीकरण बन-बिगड़ रहा है और सबकुछ जनता के हाथ है.

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मुस्लिम वोटरों का संख्या अधिक

पाकुड़ विधानसभा में कुल 3 लाख 88 हजार मतदाता हैं. इसमें मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक हैं. पाकुड़ से बीजेपी ने अबतक कुल दो बार ही जीत दर्ज की है. पाकुड़ सीट में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है. लेकिन 2009 में झामुमो के अखिल अख्तर ने यहां से जीत दर्ज की थी.

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