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जमशेदपुर में एसएस हाईस्कूल छात्रावास बन गया है खंडहर, दीवारों पर दिख रहा सरिया

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जमशेदपुर : करनडीह गैंताडीह के पास एसएस हाईस्कूल कैंपस में स्थिति छात्रावास खंडहर बन चुका है. कल्याण विभाग के फंड से निर्मित इस छात्रावास में दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. छात्रावास में शौचालय से लेकर पानी की किल्लत है. छत की दीवारों में सरिया दिख रहा है. छात्रों के चौकी नहीं है. कठिन परिस्थितियों के बीच 15 छात्र यहां रहते हैं.

क्या कहते हैं छात्र

छत की दीवार से अक्सर प्लास्टर गिरते रहते हैं. दीवार पर सरिया भी दिखने लगा है. आर्थिक रूप से हमारी स्थिति ऐसी नहीं है कि हम बाहर भाड़े के मकान में रह सकें. जर्जर भवन में रहना हमारी मजबूरी है.

-शिबू हेंब्रम, छात्र

परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसलिए इसी जर्जर छात्रावास भवन में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं. भवन काफी जर्जर है, इसकी मरम्मत होनी चाहिए.

गणेश मार्डी, छात्र

पढ़ाई कर आगे बढ़ने का सपना लेकर गांव से आये हैं. भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. दिक्कत तो है लेकिन हम कुछ कर भी नहीं सकते. कल्याण विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

-नाजीर मुर्मू, छात्र

भवन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. खिड़की, दरवाजे बेकार हो चुके हैं. इसमें रहते हुए हमेशा डर बना रहता है. लेकिन यहीं रह कर पढ़ने की हमारी मजबूरी है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

-लिटा हांसदा, छात्र

Also Read: जमशेदपुर में यातायात व्यवस्था बेहाल, छह साल में बढ़ीं 3 लाख 27 हजार से अधिक गाड़ियां

छात्रावास का भवन जर्जर हो चुका है. कल्याण विभाग को पत्र लिखा गया. मरम्मत नहीं होने से छात्राें को छात्रावास में रहने की जगह देने से मना कर दिया गया है. लेकिन अभी भी छात्रावास में कुछ पूर्व छात्र रह रहे हैं. छात्रावास की मरम्मत होगी या नया भवन बनेगा तभी छात्रों को यहां रहकर पढ़ने की सुविधा दिलायेंगे. वर्ष 2018 में ही स्कूल प्रबंधन ने छात्रावास के कंडम होने की जानकारी विभाग को दे दी है.

– शोभा कुजूर, प्रभारी प्रधानाचार्य, एसएस हाईस्कूल करनडीह

जमशेदपुर : करनडीह गैंताडीह के पास एसएस हाईस्कूल कैंपस में स्थिति छात्रावास खंडहर बन चुका है. कल्याण विभाग के फंड से निर्मित इस छात्रावास में दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. छात्रावास में शौचालय से लेकर पानी की किल्लत है. छत की दीवारों में सरिया दिख रहा है. छात्रों के चौकी नहीं है. कठिन परिस्थितियों के बीच 15 छात्र यहां रहते हैं.

क्या कहते हैं छात्र

छत की दीवार से अक्सर प्लास्टर गिरते रहते हैं. दीवार पर सरिया भी दिखने लगा है. आर्थिक रूप से हमारी स्थिति ऐसी नहीं है कि हम बाहर भाड़े के मकान में रह सकें. जर्जर भवन में रहना हमारी मजबूरी है.

-शिबू हेंब्रम, छात्र

परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसलिए इसी जर्जर छात्रावास भवन में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं. भवन काफी जर्जर है, इसकी मरम्मत होनी चाहिए.

गणेश मार्डी, छात्र

पढ़ाई कर आगे बढ़ने का सपना लेकर गांव से आये हैं. भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. दिक्कत तो है लेकिन हम कुछ कर भी नहीं सकते. कल्याण विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

-नाजीर मुर्मू, छात्र

भवन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. खिड़की, दरवाजे बेकार हो चुके हैं. इसमें रहते हुए हमेशा डर बना रहता है. लेकिन यहीं रह कर पढ़ने की हमारी मजबूरी है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

-लिटा हांसदा, छात्र

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छात्रावास का भवन जर्जर हो चुका है. कल्याण विभाग को पत्र लिखा गया. मरम्मत नहीं होने से छात्राें को छात्रावास में रहने की जगह देने से मना कर दिया गया है. लेकिन अभी भी छात्रावास में कुछ पूर्व छात्र रह रहे हैं. छात्रावास की मरम्मत होगी या नया भवन बनेगा तभी छात्रों को यहां रहकर पढ़ने की सुविधा दिलायेंगे. वर्ष 2018 में ही स्कूल प्रबंधन ने छात्रावास के कंडम होने की जानकारी विभाग को दे दी है.

– शोभा कुजूर, प्रभारी प्रधानाचार्य, एसएस हाईस्कूल करनडीह

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