बिजली बिल बकाया रखने वाले अधिवक्ता वोट देने व चुनाव लड़ने से हो सकते हैं वंचित

नौ हजार रुपये से लेकरडेढ़ लाख बिजली बिल बकाया रखने वाले उम्मीदवार व वोटर पर अटक सकता है मामला,जिला बार एसोसिएशन: बड़ा सवाल ये है कि बकाया रखने वाले अधिवक्ता का वोटिंग राइट रहेगा या जायेगा एडहॉक कमेटी ने झारखंड बार काउंसिल को पत्र लिखकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2024 10:07 PM

नौ हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख बिजली बिल बकाया रखने वाले उम्मीदवारों के वोट देने पर संकट

अधिवक्ता का वोटिंग राइट रहेगा या जायेगा झारखंड बार काउंसिल तय करेगा

मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर

जिला बार एसोसिएशन के चुनाव फिर एक बार बिजली बिल समेत अन्य बकाया रखने वाले सदस्य सह अधिवक्ता का मामला अटक सकता है. सोमवार को एडहॉक कमेटी के सदस्य अधिवक्ता टीएन ओझा ने बिजली बिल बकाया रखने वालों की सूची झारखंड बर काउंसिल को भेजी है, इससे एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि बिजली बिल बकाया रखने वालों को आगामी 10 मई को जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में वोटिंग राइट रहेगा अथवा नहीं? बार काउंसिल के मॉडल रूल के अनुसार मतदान करने का पत्र वही होगा जिसके सदस्य के नाम पर कोई भी बकाया राशि न हो. यहां तो बकायेदारों में ऐसे भी नाम हैं जो उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं और कुछ चुनाव पदाधिकारी के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. इसमें अधिवक्ता सह बार के सदस्य पर बकाया राशि में नौ हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक बकाया है. अधिवक्ता श्री ओझा ने बताया कि जिला चुनाव कमेटी को उक्त सूची उपलब्ध करा दी गयी है.पूर्व में चुनाव पदाधिकारी रहे अधिवक्ता अर्जुन सिंह को भी उन्होंने सूची सौंपते हुए इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था. सूत्रों के मुताबिक कई उम्मीदवारों ने दस हजार जमा कर अंडरटेकिंग दी है परंतु अंडरटेकिंग में बाकी बकाया राशि कितने दिनों के अंदर भुगतान करेंगे, इसका कोई उल्लेख नहीं है. इधर, अधिवक्ता ओझा ने बार काउंसिल झारखंड के चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन को बताया है कि 70 वकीलों को चैंबर दिया गया है और उनको अलग से बिजली का कनेक्शन भी दिया गया है. उनसे बिजली बिल वसूल कर बिजली एजेंसी को को राशि दी जाती है. लेकिन दुर्भाग्य है कि 2015 से बिजली बिल की राशि वसूल करने में अनदेखी की गयी या यह कहा जाये कि कुछ चैंबर धारकों ने जानबूझकर बिल का भुगतान नहीं किया है. इससे बार एसोसिएशन को आर्थिक रूप से क्षति पहुंच रही है. इधर चैंबर धारक बेधड़क बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे बार एसोसिएशन के सदस्यों में आक्रोश है. इसके साथ ही झारखंड बार काउंसिल से आग्रह किया गया है कि वह मॉडल रूल के तहत चुनाव समिति को चुनाव संचालित करने का आदेश जारी करें. बार काउंसिल को इस दिशा में अति शीघ्र निर्णय लेना चाहिए क्योंकि चुनावी प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है.

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