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Jharkhand News: ऐसा प्यार कहां! मालिक के निधन पर गाय के बछड़े ने दी मुखाग्नि, पढ़ें पूरी कहानी

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Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग: हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के चैथी ग्राम पंचायत में एक विचित्र दृश्य देखने को मिला जो अमूमन बेहद कम देखने को मिलता है. ये घटना ऐसी है जो शायद आपने अपनी जिंदगी में नहीं देखी होगी. वैसे तो इंसान का जानवर से प्यार करना कोई नयी बात नहीं है. युगों से इंसान और पशुओं का प्यार देखने को मिलता रहा है. लेकिन अगर आपको कोई ये कहे कि एक जानवर अपने मालिक के अंतिम संस्कार शामिल होकर वो सारी रस्में निभाया जो घर के परिजन करते हैं तो आपको हैरानी होगी. दरअसल ये दृश्य चैथी श्मशान घाट में देखने को मिला.

जब चैथी निवासी मेवा लाल ठाकुर के अंतिम संस्कार के लिए घर से निकला शव यात्रा में एकएका एक गाय का बछड़ा शामिल हो गया. जब शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे. तो वह बछड़ा शव के पास पहुंच उसके चारो ओर घूमने लगा. सबको लगा कोई आवारा जानवर है. शव यात्रा में शामिल लोग उसे मार-मारकर भागने लगे. लेकिन लाठी की मार खाने के बाद भी बछड़ा शव से अलग नही हुआ.

तभी कोई भीड़ से किसी ने आवाज़ दिया कि ये तो मेवालाल का ही बछड़ा है. जिसे उसने तंगहाली में कुछ दिन पहले ही पपरो में किसी के पास बेच दिया था. लोग कुछ समझ पाते की बछड़ा कफन से बंधे मृतक के पार्थिव शरीर के गोल गोल घूमने लगा और अपने मालिक का चेहरा देखने के लिए बेचैन हो उठा. ये दृश्य देखकर लोगों ने मृतक का चेहरा खोल दिया.

अपने मालिक का चेहरा देखते ही बछड़ा अपने आवाज में जोर जोर से चिल्लाने लगा. मानो उससे कुछ कह रहा हो. वहां पर उपस्थित लोग ये सब दृश्य देखकर कर अभिभूत थे और तो और दाह संस्कार के दौरान जो रस्म एक मनुष्य करता है वो सारी चीजें पशु ने भी किया. जैसे अपने मुंह से लकड़ी देना, मुखाग्नि के साथ खड़ा रहना और मनुष्यों के साथ चिता का पंचफेरी भी लगाया.

जब तक शव जलता रहा, बछड़ा वहीं डटा रहा. उसके आंखों से आंसु बहती रही. ये मार्मिक दृश्य देखकर सब भावुक हो गयें. ये घटनाएं सब लोग अपने अपने कैमरे में कैद करते दिखे. बताया जाता है कि मृतक निःसंतान मेवालाल ने इस गाय के बछड़े को अपने बेटे की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया था. यह घटना चौपारण में चर्चा का विषय बना हुआ है.

रिपोर्ट: अजय ठाकुर

Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग: हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के चैथी ग्राम पंचायत में एक विचित्र दृश्य देखने को मिला जो अमूमन बेहद कम देखने को मिलता है. ये घटना ऐसी है जो शायद आपने अपनी जिंदगी में नहीं देखी होगी. वैसे तो इंसान का जानवर से प्यार करना कोई नयी बात नहीं है. युगों से इंसान और पशुओं का प्यार देखने को मिलता रहा है. लेकिन अगर आपको कोई ये कहे कि एक जानवर अपने मालिक के अंतिम संस्कार शामिल होकर वो सारी रस्में निभाया जो घर के परिजन करते हैं तो आपको हैरानी होगी. दरअसल ये दृश्य चैथी श्मशान घाट में देखने को मिला.

जब चैथी निवासी मेवा लाल ठाकुर के अंतिम संस्कार के लिए घर से निकला शव यात्रा में एकएका एक गाय का बछड़ा शामिल हो गया. जब शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे. तो वह बछड़ा शव के पास पहुंच उसके चारो ओर घूमने लगा. सबको लगा कोई आवारा जानवर है. शव यात्रा में शामिल लोग उसे मार-मारकर भागने लगे. लेकिन लाठी की मार खाने के बाद भी बछड़ा शव से अलग नही हुआ.

तभी कोई भीड़ से किसी ने आवाज़ दिया कि ये तो मेवालाल का ही बछड़ा है. जिसे उसने तंगहाली में कुछ दिन पहले ही पपरो में किसी के पास बेच दिया था. लोग कुछ समझ पाते की बछड़ा कफन से बंधे मृतक के पार्थिव शरीर के गोल गोल घूमने लगा और अपने मालिक का चेहरा देखने के लिए बेचैन हो उठा. ये दृश्य देखकर लोगों ने मृतक का चेहरा खोल दिया.

अपने मालिक का चेहरा देखते ही बछड़ा अपने आवाज में जोर जोर से चिल्लाने लगा. मानो उससे कुछ कह रहा हो. वहां पर उपस्थित लोग ये सब दृश्य देखकर कर अभिभूत थे और तो और दाह संस्कार के दौरान जो रस्म एक मनुष्य करता है वो सारी चीजें पशु ने भी किया. जैसे अपने मुंह से लकड़ी देना, मुखाग्नि के साथ खड़ा रहना और मनुष्यों के साथ चिता का पंचफेरी भी लगाया.

जब तक शव जलता रहा, बछड़ा वहीं डटा रहा. उसके आंखों से आंसु बहती रही. ये मार्मिक दृश्य देखकर सब भावुक हो गयें. ये घटनाएं सब लोग अपने अपने कैमरे में कैद करते दिखे. बताया जाता है कि मृतक निःसंतान मेवालाल ने इस गाय के बछड़े को अपने बेटे की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया था. यह घटना चौपारण में चर्चा का विषय बना हुआ है.

रिपोर्ट: अजय ठाकुर

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