ग्रामीणों ने एक्सप्रेस-वे सड़क निर्माण का किया विरोध
: नवरत्नगढ़ स्थित जगरनाथ मंदिर के बगल में अप्रैल 2024 में हुई खुदाई से 355 साल पुराना शिव मंदिर व मठ, दो खुफिया दरवाजा मिला है. जगरनाथ मंदिर की जर्जर स्थिति को देखते हुए सैलानियों के प्रवेश पर लगायी गयी रोक दूरी बनाकर बाहर से ही भवन को देखने की अनुमति है. : नागवंशी राजा दुर्जन शाह ने मुगल सम्राट से बचने के लिए सिसई प्रखंड के नगर गांव में नवरत्नगढ़ डोइसागढ़ की स्थापना की थी. 4 गुम 18 में 355 साल पुराने मंदिर की हो रही मरम्मत 4 गुम 19 में खुदाई से इस प्रकार कई प्राचीन नकाशीदार पत्थर मिला है 4 गुम 20 में जगरनाथ मंदिर के बगल में खुदाई से मिला शिवलिंग, जहां फिर से मंदिर बन रही है दुर्जय पासवान, गुमला गुमला से 32 किमी दूर सिसई प्रखंड के नगर गांव स्थित विश्व धरोहर नवरत्नगढ़ की खुदाई से मिले 355 साल पुराने शिव मंदिर व मठ की मरम्मत कार्य शुरू हो गया है. जगरनाथ मंदिर का भी जीर्णोद्धार होगा. क्योंकि, जगरनाथ मंदिर 355 साल पुराना होने व लंबे समय तक बेकार पड़े रहने के कारण जर्जर हो गया है. अगर इसकी मरम्मत नहीं हो, तो यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है. विश्व धरोहर होने के कारण पुरातत्व विभाग ने खुदाई से मिले शिव मंदिर व मठ के अलावा जगरनाथ मंदिर को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया गया है. जगरनाथ मंदिर की जर्जर स्थिति को देखते हुए सैलानियों के प्रवेश पर यहां रोग लगा दी गयी है. सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने कहा है कि सैलानियों की सुरक्षा के लिए अभी जगरनाथ मंदिर में किसी को प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि, दूरी बनाकर बाहर से ही भवन को देखने की अनुमति है. खुदाई से मिले पुराने शिव मंदिर व मठ के समीप भी सैलानियों के जाने पर रोक है. पुरातत्व विभाग ने जगरनाथ मंदिर, शिव मंदिर व मठ के चारों ओर रस्सी व फीता से घेराबंदी कर नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया है. अप्रैल माह के बाद से नवरत्नगढ़ की खुदाई बंद है यहां बता दें कि 2024 के अप्रैल माह में नवरत्नगढ़ स्थित जगरनाथ मंदिर के बगल में खुदाई की गयी थी. जहां शिव मंदिर के बीच में प्राचीन शिवलिंग मिला है. जिसकी बनावट अदभुत है. इस प्राचीन मंदिर को बनाने में सिर्फ पत्थरों का उपयोग हुआ है. सुभद्रा व बलभद्र मंदिर के समीप देवी देवताओं का वास स्थल भी खुदाई से मिला था. साथ ही जिसे लोग रास्ता समझकर हर दिन आना जाना करते थे. उस रास्ते की खुदाई से भी कई प्राचीन भवन व नक्काशीदार पत्थर मिला था. जिसे मंदिर के सामने रखा हुआ है. यहां दो खुफिया दरवाजा भी दिखा है. जिसकी खुदाई अभी बाकी है. बताया जा रहा है कि दरवाजा की खुदाई से और मंदिर मिलने की संभावना है या फिर मंदिर के अंदर कोई प्राचीन खुफिया कमरा हो सकता है. खुदाई से नक्काशीदार पत्थर मिला है, जो सुंदर दिख रहा है. वहीं शिव मंदिर के अंदर जाने के लिए पत्थर से बना मात्र डेढ़ फीट चौड़ा व चार फीट ऊंचा दरवाजा मिला था. यहां बता दें कि पुरातत्व विभाग द्वारा नवरत्नगढ़ की खुदाई की जा रही है. खुदाई के बाद से नवरत्नगढ़ से कई रहस्यों पर से पर्दा उठ रहा है. दो साल पहले भी यहां खुदाई से जमीन के अंदर से राजा रानी का खुफिया भवन मिला था. हालांकि, जगरनाथ मंदिर के समीप से शिव मंदिर, मठ व अदभुत कारीगरी का शिवलिंग मिलने के बाद से यहां खुदाई पर रोक लगा दिया गया है. इतिहास में जिस प्रकार पढ़ा है. नवरत्नगढ़ की बनावट उसी प्रकार है. सरकार व पुरातत्व विभाग से मांग है कि इसकी सुरक्षा और संरक्षण जरूरी है. साथ ही नवरत्नगढ़ तक आने के लिए डबल लाइन की सड़क बनें. नवरत्नगढ़ घुसने के लिए दरवाजा भी बड़ा हो. साथ ही अभी भी यहां कई इतिहास जमींदोज है. उसकी भी खुदाई हो और रहस्य पर से परदा उठाया जाये. प्रशांत उन्नीकृष्णन, सैलानी, रांची
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