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गुमला के मनरेगा मजदूरों को चार माह से नहीं मिल रही मजदूरी, पलायन करने के लिए हो सकते हैं मजबूर

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जारी प्रखंड में विगत चार माह से मनरेगा के मजदूरों का भुगतान लंबित है. इस कारण मजदूरों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड में मजदूरी भुगतान नहीं होने से लगभग पांच हजार से अधिक मजदूरों के लाखों रुपये बकाया है. इसके पहले भी कई बार बीते वर्ष मजदूरों का भुगतान समय पर नहीं हुआ. मजदूर रोपना बड़़ाइक, सुखपाल लोहरा, अमर संकेत खलखो, ओबेद तिर्की ने कहा कि मनरेगा में रोजगार तो मिलता है.

लेकिन समय पर राशि नहीं मिलती है. जिसके कारण परिवार का भरण-पोषण करने मे कठिनाई होती है. मजदूरों ने कहा कि समय पर मजदूरी नहीं मिली तो विवश होकर पलायन करना पड़ेगा. वैसे भी दो वर्षों से कोविड-19 से हम लोग टूट चुके हैं. बीपीओ कांति कुमारी ने कहा कि स्टेट से पैसा नहीं आ रहा है. जिस कारण मजदूरी भुगतान नहीं हो रहा है. एक नवंबर से आज तक भुगतान नहीं हुआ है. लगभग प्रखंड में 5701 मजदूरों का 70 लाख 41 हजार रुपये बकाया है.

जारी प्रखंड में विगत चार माह से मनरेगा के मजदूरों का भुगतान लंबित है. इस कारण मजदूरों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड में मजदूरी भुगतान नहीं होने से लगभग पांच हजार से अधिक मजदूरों के लाखों रुपये बकाया है. इसके पहले भी कई बार बीते वर्ष मजदूरों का भुगतान समय पर नहीं हुआ. मजदूर रोपना बड़़ाइक, सुखपाल लोहरा, अमर संकेत खलखो, ओबेद तिर्की ने कहा कि मनरेगा में रोजगार तो मिलता है.

लेकिन समय पर राशि नहीं मिलती है. जिसके कारण परिवार का भरण-पोषण करने मे कठिनाई होती है. मजदूरों ने कहा कि समय पर मजदूरी नहीं मिली तो विवश होकर पलायन करना पड़ेगा. वैसे भी दो वर्षों से कोविड-19 से हम लोग टूट चुके हैं. बीपीओ कांति कुमारी ने कहा कि स्टेट से पैसा नहीं आ रहा है. जिस कारण मजदूरी भुगतान नहीं हो रहा है. एक नवंबर से आज तक भुगतान नहीं हुआ है. लगभग प्रखंड में 5701 मजदूरों का 70 लाख 41 हजार रुपये बकाया है.

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