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ओझागुणी करने वाले भगतों को गुमला पुलिस ने दी चेतावनी, कहा-अंधविश्वास नहीं फैलायें

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सिसई थाना क्षेत्र में डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास के कारण आये दिन कुछ न कुछ घटना घट रही है. इसे रोकने के लिए सिसई पुलिस ने एक अलग तरह की पहल की है. पुलिस ने प्रखड के जितने भी ओझागुणी, भगत का काम करने, ओझामति करने वाले लोगों को थाना बुलाकर उन्हें चेताया कि अंधविश्वास को बेवजह न फैलाये. सभी भगतों से अपील की गयी कि लोगों की मदद करें. परंतु अंधविश्वास फैलाकर किसी की जान न लें.

यहां बता दें कि सिसई प्रखंड अंधविश्वास में ऐसे जकड़े हुए है कि किसी जानवर मरे, या कोई व्यक्ति बीमार हो या बीमारी से उसकी मौत हो जाये तो ग्रामीण भगत ओझा के पास पहुंच जाते हैं. भगत द्वारा जादू टोना से ऐसा होने की बात भोले भाले ग्रामीणों के दिमाग में भर दिया जाता है.

रामीण गांव की किसी विधवा, वृद्ध महिला या पुरुष को डायन कह कर प्रताड़ित करने लगते हैं. कभी-कभी भगतों व ओझाओं के चक्कर में पड़ कर जघन्य अपराध तक कर बैठते हैं. थानेदार कृष्ण कुमार तिवारी व एसआई इंद्रजीत कुमार ने भगतों को ओझा गुणी नहीं करने की हिदायत दी. साथ ही उन्हें ओझागुणी नहीं करने की शपथ दिलायी.

थानेदार ने कहा कि डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को फैलाकर समाज में लड़ाई झगड़े से लेकर हत्या तक करने में ओझाओं का बड़ी रोल रहता है. यदि डायन बिसाही, भूत पिशाच जैसी झूठी बात का प्रचार किया जायेगा. जिससे किसी प्रकार की घटना घटित होगी तो इस पर लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए जेल भेज जायेगा.

बैठक में ओझा सुकरा खड़िया रेड़वा, नादू खड़िया सेमरा, फकीर उरांव कामता, गोयंदा भगत नगर, देसी लोहरा डाड़हा, सहदेव साहू पोढ़ा, सुखिया उरांव पहानटोली कामता सहित कई ओझा भगत उपस्थित थे.

सिसई थाना क्षेत्र में डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास के कारण आये दिन कुछ न कुछ घटना घट रही है. इसे रोकने के लिए सिसई पुलिस ने एक अलग तरह की पहल की है. पुलिस ने प्रखड के जितने भी ओझागुणी, भगत का काम करने, ओझामति करने वाले लोगों को थाना बुलाकर उन्हें चेताया कि अंधविश्वास को बेवजह न फैलाये. सभी भगतों से अपील की गयी कि लोगों की मदद करें. परंतु अंधविश्वास फैलाकर किसी की जान न लें.

यहां बता दें कि सिसई प्रखंड अंधविश्वास में ऐसे जकड़े हुए है कि किसी जानवर मरे, या कोई व्यक्ति बीमार हो या बीमारी से उसकी मौत हो जाये तो ग्रामीण भगत ओझा के पास पहुंच जाते हैं. भगत द्वारा जादू टोना से ऐसा होने की बात भोले भाले ग्रामीणों के दिमाग में भर दिया जाता है.

रामीण गांव की किसी विधवा, वृद्ध महिला या पुरुष को डायन कह कर प्रताड़ित करने लगते हैं. कभी-कभी भगतों व ओझाओं के चक्कर में पड़ कर जघन्य अपराध तक कर बैठते हैं. थानेदार कृष्ण कुमार तिवारी व एसआई इंद्रजीत कुमार ने भगतों को ओझा गुणी नहीं करने की हिदायत दी. साथ ही उन्हें ओझागुणी नहीं करने की शपथ दिलायी.

थानेदार ने कहा कि डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को फैलाकर समाज में लड़ाई झगड़े से लेकर हत्या तक करने में ओझाओं का बड़ी रोल रहता है. यदि डायन बिसाही, भूत पिशाच जैसी झूठी बात का प्रचार किया जायेगा. जिससे किसी प्रकार की घटना घटित होगी तो इस पर लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए जेल भेज जायेगा.

बैठक में ओझा सुकरा खड़िया रेड़वा, नादू खड़िया सेमरा, फकीर उरांव कामता, गोयंदा भगत नगर, देसी लोहरा डाड़हा, सहदेव साहू पोढ़ा, सुखिया उरांव पहानटोली कामता सहित कई ओझा भगत उपस्थित थे.

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