अनाज वितरण में गिरिडीह जिला फिसड्डी, मई में मात्र 45.68 प्रतिशत वितरित
सरकारी राशन वितरण के लिए पीडीएस डीलरों को परेशान न होना पड़े, इसके लिए डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा शुरू की गयी. हालांकि ठेकेदारों की मनमानी से यह व्यवस्था फ्लाॅप होती दिख रही है.
गिरिडीह. सरकारी राशन वितरण के लिए पीडीएस डीलरों को परेशान न होना पड़े, इसके लिए डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा शुरू की गयी. हालांकि ठेकेदारों की मनमानी से यह व्यवस्था फ्लाॅप होती दिख रही है. संवेदक की मनमानी चरम पर है. प्रत्येक माह समय पर डीलरों तक अनाज नहीं पहुंच पा रहा है, जबकि समय पर अनाज वितरण के लिए केंद्र सरकार ने कड़े प्रावधान किये हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रत्येक माह का अनाज उसी माह बंट जाना है. लेकिन हर माह अवधि विस्तार लेकर अनाज का वितरण करने का खेल लंबे समय से चला आ रहा है. निर्धारित माह में कार्डधारियों तक अनाज पहुंच जाये, इसके लिए एफसीआइ एक माह एडवांस अनाज एसएफसी को दे रहा है. फिर भी यह अनाज समय पर नहीं बांटा जा रहा है. यदि झारखंड सरकार के आंकड़े देखें, तो राज्य में अनाज वितरण में सबसे खराब प्रदर्शन गिरिडीह जिले का है. मई महीना समाप्त होने वाला है और 28 मई तक मात्र 45.68 प्रतिशत ही अनाज का वितरण हो पाया है. वहीं राज्य में अनाज वितरण का औसत 83.35 प्रतिशत है. मई माह में अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन जामताड़ा का रहा. जामताड़ा में 94.56 प्रतिशत अनाज का वितरण हो चुका है. इसी प्रकार रामगढ़ में 93.67 प्रतिशत और देवघर में 93.53 प्रतिशत अनाज का वितरण 28 मई तक किया जा चुका था. जगह-जगह लाभुक कर रहे हंगामा, निशाने पर पीडीएस डीलर गिरिडीह जिले के आंकड़े पर गौर करें तो यहां 1,12,835 क्विंटल अनाज का वितरण किया जाना था. इसमें 90,280.16 क्विंटल चावल और 22,554.64 क्विंटल गेहूं का वितरण होना था. 28 मई तक मात्र 41,248.69 क्विंटल चावल और 10,291.70 क्विंटल गेहूं का ही वितरण हो पाया है. अधिकारियों से लेकर पीडीएस दुकान के विक्रेताओं तक का कहना है कि डोर स्टेप डिलीवरी के संवेदक समय पर गोदाम से अनाज का उठाव कर उसे दुकानों तक नहीं पहुंचाते, जिस कारण कार्डधारियों को अनाज समय पर नहीं मिल पा रहा है. समय पर अनाज देने के प्रावधानों की अनदेखी करने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की जिले में धज्जियां उड़ रही है. समय पर अनाज नहीं मिलने को लेकर जविप्र के विक्रेता और कार्डधारियों के बीच आये दिन नोक-झोंक हो रही है. एक ओर जहां लाभुक कार्डधारी अनाज के लिए पीडीएस दुकानों पर चक्कर लगाते रहते हैं, वहीं हंगामा और अनियमितता के आरोपों से डीलर परेशान हैं. अधिकारी भी संवेदक की मनमानी से हैं परेशान : जविप्र के विक्रेता प्रखंड मुख्यालय स्थित एसएफसी के गोदाम का चक्कर लगाते रहते हैं. विक्रेताओं का कहना है कि जब उन्हें अनाज समय पर मिलता ही नहीं है, तो वे भला कैसे कार्डधारियों को अनाज दे सकेंगे. इस बाबत जमुआ के एजीएम देवदयाल रजवार कहते हैं कि डीएसडी संवेदक की मनमानी के खिलाफ उन्होंने जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह जिला गोदाम प्रबंधक को पत्र लिखा है. कहा कि कई बार इस संबंध में संवेदक से बातचीत की गयी, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं है और खुलेआम मनमानी कर रहा है. मई माह में अनाज का उठाव संवेदक द्वारा समय पर शुरू नहीं किया गया, जिस कारण लाभुकों को भी परेशानी हो रही है. कई प्रखंडों से वितरण में गड़बड़ी किये जाने की शिकायत मिल रही है. डीएसडी संवेदक द्वारा समय पर अनाज का उठाव नहीं किया जा रहा है और विक्रेता समय पर अनाज नहीं मिलने के कारण कार्डधारी को अनाज देने में असमर्थ हो रहे हैं. ऐसे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी सिर्फ सूचना न देकर कार्रवाई के लिए स्पष्ट अनुशंसा करें. दोषियों को छोड़ा नहीं जायेगा. -गुलाम समदानी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, गिरिडीह
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है