सरकारी विद्यालय पर कर रहे थे कब्जा, चहारदीवारी तोड़ी गयी

सरकारी विद्यालय पर कर रहे थे कब्जा, चहारदीवारी तोड़ी गयी

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2024 8:48 PM

गढ़वा. गढ़वा समाहरणालय से सटे कल्याणपुर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पर कब्जा करने एवं चहारदीवारी बनाने की सूचना के बाद गुरुवार को कब्जा हटाया गया. दरअसल उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर को दूसरे विद्यालय में मर्ज कर दिया गया है. इधर ग्रामीणों ने कब्जे का विरोध करते हुए डीसी को आवेदन दिया था. डीसी को दिये आवेदन में ग्रामीणों ने बताया है कि दो दशक पूर्व तत्कालीन डीसी एसके सत्पथी ने मुसहर परिवार के बच्चों के लिए यह विद्यालय बनवाया था. अब अरविंद सिंह और पिंटू सिंह ने इस स्कूल की भूमि पर कब्जा करने के उद्देश्य से चहारदीवारी निर्माण कर गेट लगा दिया है. ग्रामीणों की सूचना के बाद शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने गुरुवार की सुबह वहां पहुंचकर अवैध अतिक्रमण जेसीबी के माध्यम से हटा दिया. इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी कैसर अली, जिला शिक्षा अधीक्षक, अंचलाधिकारी शफी आलम व बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण वहां दलबल के साथ पहुंचे और कहा कि इस विद्यालय को दूसरी जगह मर्ज कर दिया गया है. लेकिन भवन शिक्षा विभाग का है और इस परिसर पर किसी को चहारदीवारी बना कर कर कब्जा करने का हक नहीं है. उल्लेखनीय है कि इस विद्यालय भवन के साथ-साथ सरकारी राशि से यहां पांच शौचालय का निर्माण कराया गया है और चापानल भी लगाया हुआ है. साथ ही इसके अंदर सरकारी स्कूल और भूमि में ही बिजली विभाग का ट्रांसफार्मर भी लगा है. दबंगों द्वारा कब्जा के बाद ट्रांसफार्मर भी चहारदीवारी के अंदर हो गया था. वर्ष 2004 में यह जमीन खरीदी है : इधर इस मामले में अरविंद सिंह के पुत्र आकाश चौहान ने कहा कि खाता संख्या 153, 154 के प्लाट संख्या 2007 और 2008 की जमीन उन्होंने वर्ष 2004 में खरीदी है. इसकी रसीद भी कट रही है. इस जमीन का खतियान भी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि 2004 में मुसहर परिवार की बंदोबस्ती रद्द होने के बाद इस जमीन की रजिस्ट्री उन्होंने करायी था. इस जमीन के कुछ हिस्से को उन्होंने नरेश सिंह को बेची है. जबकि शेष जमीन उनकी है. विद्यालय भवन भी उनकी जमीन पर है. उन्होंने कहा कि इस जमीन की मापी सरकारी अमीन से भी करायी गयी थी, अंचल कार्यालय से उसमें किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं की गयी है. कुछ लोग उनकी जमीन को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं.

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