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East Singhbhum News : डुमरिया में जर्जर आवास में रह रहा परिवार, राशन कार्ड से भी वंचित

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डुमरिया. डुमरिया प्रखंड में अबुआ आवास आवंटन में अनियमितता का आरोप लग रहा है. प्रखंड की आस्ताकवाली पंचायत स्थित चाकड़ी में 58 वर्षीय दुलमु बारी अपनी पत्नी सुमी बारी व तीन बच्चों के साथ जर्जर घर में रहने को विवश है. दुलमु बारी ने बताया कि उसे आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. इसके लिए कई बार आवेदन दे चुका हूं. दूसरी ओर कई बार आवेदन देने के बाद भी राशन कार्ड नहीं बना है. उसे जविप्र दुकान से चावल व गेहूं नहीं मिलता है. दुलमु बारी ने बताया कि 15 साल पहले राशन मिलता था. अब नहीं मिलता है. उसकी पत्नी दुमी बारी को मंईयां योजना का लाभ नहीं मिलता है. दोनों मजदूरी व लकड़ी बेचकर किसी तरह परिवार की गाड़ी चला रहे हैं. यह परिवार जिस घर में रह रहा है, वह काफी जर्जर है. कभी भी दुर्घटना हो सकती है. यह गरीब परिवार सरकार की हर सुविधाओं से सालों से वंचित हैं. गरीबों के उत्थान के नाम पर कई एनजीओ काम कर रही है. पंचायत स्तर के पदाधिकारियों का काम ऐसे लोगों को चिह्मित कर उन्हें सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

डुमरिया. डुमरिया प्रखंड में अबुआ आवास आवंटन में अनियमितता का आरोप लग रहा है. प्रखंड की आस्ताकवाली पंचायत स्थित चाकड़ी में 58 वर्षीय दुलमु बारी अपनी पत्नी सुमी बारी व तीन बच्चों के साथ जर्जर घर में रहने को विवश है. दुलमु बारी ने बताया कि उसे आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. इसके लिए कई बार आवेदन दे चुका हूं. दूसरी ओर कई बार आवेदन देने के बाद भी राशन कार्ड नहीं बना है. उसे जविप्र दुकान से चावल व गेहूं नहीं मिलता है. दुलमु बारी ने बताया कि 15 साल पहले राशन मिलता था. अब नहीं मिलता है. उसकी पत्नी दुमी बारी को मंईयां योजना का लाभ नहीं मिलता है. दोनों मजदूरी व लकड़ी बेचकर किसी तरह परिवार की गाड़ी चला रहे हैं. यह परिवार जिस घर में रह रहा है, वह काफी जर्जर है. कभी भी दुर्घटना हो सकती है. यह गरीब परिवार सरकार की हर सुविधाओं से सालों से वंचित हैं. गरीबों के उत्थान के नाम पर कई एनजीओ काम कर रही है. पंचायत स्तर के पदाधिकारियों का काम ऐसे लोगों को चिह्मित कर उन्हें सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है.

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