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आरबीएसके योजना में गलत रिपोर्टिंग की होगी जांच

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वरीय संवाददाता, धनबाद,

जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना की गलत रिपोर्टिंग की जांच शुरू होगी. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग के समक्ष आरबीएसके योजना की गलत रिपोर्टिंग की शिकायत मिलने के बाद सीएस डॉ चंद्रभानु प्रतापन को जांच का निर्देश दिया गया है. बता दें कि आरबीएसके योजना के तहत विभिन्न प्रखंडों में जन्में बच्चों की जांच कर बीमारी का पता लगाकर उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करानी है. प्रखंडों में जाकर नवजात की जांच करने की जिम्मेवारी संबंधित इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र समेत आंगनबाड़ी में कार्यरत चिकित्सक, सीएचओ व सहिया की है. जानकारी के अनुसार जिले के कई प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक जांच के बिना ही बच्चों की जांच की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ द्वारा जिले में किये गये सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य मुख्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जांच का निर्देश देते हुए दोषी पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है.

लेबर रूम की 10 एएनएम पर पैसे मांगने का आरोप, शोकॉज :

सदर अस्पताल के लेबर रूम में कार्यरत 10 एएनएम को शोकॉज किया गया है. सभी पर नवजात के जन्म के बाद प्रसूता व उनके परिजनों से पैसे मांगने का आरोप है. सदर अस्पताल में जन्मे कई नवजात के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष मामले की शिकायत की है. सदर अस्पताल के अधिकारियों ने पिछले दिनों शिकायत की जांच करायी थी. इसके बाद लेबर रूम में सेवा प्रदान कर रहीं 10 एएनएम को शोकॉज किया गया है. सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि शोकॉज में एएनएम द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सभी पर कार्रवाई की जायेगी.

वरीय संवाददाता, धनबाद,

जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना की गलत रिपोर्टिंग की जांच शुरू होगी. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग के समक्ष आरबीएसके योजना की गलत रिपोर्टिंग की शिकायत मिलने के बाद सीएस डॉ चंद्रभानु प्रतापन को जांच का निर्देश दिया गया है. बता दें कि आरबीएसके योजना के तहत विभिन्न प्रखंडों में जन्में बच्चों की जांच कर बीमारी का पता लगाकर उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करानी है. प्रखंडों में जाकर नवजात की जांच करने की जिम्मेवारी संबंधित इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र समेत आंगनबाड़ी में कार्यरत चिकित्सक, सीएचओ व सहिया की है. जानकारी के अनुसार जिले के कई प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक जांच के बिना ही बच्चों की जांच की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ द्वारा जिले में किये गये सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य मुख्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जांच का निर्देश देते हुए दोषी पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है.

लेबर रूम की 10 एएनएम पर पैसे मांगने का आरोप, शोकॉज :

सदर अस्पताल के लेबर रूम में कार्यरत 10 एएनएम को शोकॉज किया गया है. सभी पर नवजात के जन्म के बाद प्रसूता व उनके परिजनों से पैसे मांगने का आरोप है. सदर अस्पताल में जन्मे कई नवजात के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष मामले की शिकायत की है. सदर अस्पताल के अधिकारियों ने पिछले दिनों शिकायत की जांच करायी थी. इसके बाद लेबर रूम में सेवा प्रदान कर रहीं 10 एएनएम को शोकॉज किया गया है. सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि शोकॉज में एएनएम द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सभी पर कार्रवाई की जायेगी.

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