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Dhanbad News: धनबाद के सात निजी स्कूलों ने बीपीएल बच्चों का एडमिशन लेने से किया मना, डीसी ने चेताया

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धनबाद.

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)C के तहत सूची में नाम आने के बाद भी कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन लेने में निजी विद्यालय मनमानी कर रहे हैं. इससे अभिभावक परेशान हैं. आरटीइ के नोडल पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार के निर्देश के बाद भी ऐसे स्कूल नामांकन नहीं ले रहे हैं. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने निजी स्कूलों को आदेश जारी कर सूची में शामिल बच्चों का नामांकन लेने को कहा है. इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है. आदेश नहीं मानने पर अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.

स्कूलों ने रिक्ति का प्रतिवेदन तक उपलब्ध नहीं कराया :

आरटीइ के नोडल पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार ने वास्तविक रिक्त सीटों पर नामांकन के लिए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन निजी स्कूलों ने रिक्ति प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया. आदेश में कहा गया है कि इस स्थिति में सामर्थ्य सीटों के अनुरूप नामांकित छात्र व छात्राओं की संख्या यू-डायस प्लस में आपके द्वारा प्रविष्ट कक्षा पीपी1 से कक्षा एक तथा ओएएसआइएस के माध्यम से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को समर्पित छात्र विवरणी के आधार पर वास्तविक सामर्थ्य सीटों के अनुरूप रिक्ति तैयार कर निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) C के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में द्वितीय चरण में नामांकन के लिए चयनित बच्चों की सूची आपको भेजी गयी थी, लेकिन आपके द्वारा न तो नामांकन लिया गया और न ही किसी प्रकार की सूचना जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को उपलब्ध करायी गयी.

सामर्थ्य संख्या को छुपा कर सीट कम करना अपराध :

आदेश में कहा गया है कि आरटीइ की धारा 12 (1) सी के तहत चयनित बच्चों का नामांकन नहीं लेना गंभीर मामला है. इसके लिए भारतीय न्याय संहिता 2023 के धारा 221 एवं 223 के तहत लोक सेवक द्वारा जारी सार्वजनिक आदेश की अवज्ञा अपराध है. सामर्थ्य संख्या के 25 प्रतिशत कोटे के तहत सीटों में कमी करते हुए सीटों को छुपाना अपराध है. इसके लिए भारतीय न्याय संहिता 2023 के धारा 318, 316 व 336 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है.

एक सप्ताह में नामांकन सुनिश्चित हो : उपायुक्त ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर नामांकन सुनिश्चित कर अनुपालन प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध करायें. इसकी एक प्रति डीएसइ को देना है. ऐसा नहीं होने पर उक्त धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.

इन स्कूलों के खिलाफ आदेश जारी

डीएवी पब्लिक स्कूल मुनीडीह, डीएवी पब्लिक स्कूल बरोरा, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर धनसार, धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम धनबाद, धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल बनियाहीर लोदना, सिंबायोसिस पब्लिक स्कूल, धनबाद

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

धनबाद.

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)C के तहत सूची में नाम आने के बाद भी कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन लेने में निजी विद्यालय मनमानी कर रहे हैं. इससे अभिभावक परेशान हैं. आरटीइ के नोडल पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार के निर्देश के बाद भी ऐसे स्कूल नामांकन नहीं ले रहे हैं. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने निजी स्कूलों को आदेश जारी कर सूची में शामिल बच्चों का नामांकन लेने को कहा है. इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है. आदेश नहीं मानने पर अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है.

स्कूलों ने रिक्ति का प्रतिवेदन तक उपलब्ध नहीं कराया :

आरटीइ के नोडल पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार ने वास्तविक रिक्त सीटों पर नामांकन के लिए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन निजी स्कूलों ने रिक्ति प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया. आदेश में कहा गया है कि इस स्थिति में सामर्थ्य सीटों के अनुरूप नामांकित छात्र व छात्राओं की संख्या यू-डायस प्लस में आपके द्वारा प्रविष्ट कक्षा पीपी1 से कक्षा एक तथा ओएएसआइएस के माध्यम से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को समर्पित छात्र विवरणी के आधार पर वास्तविक सामर्थ्य सीटों के अनुरूप रिक्ति तैयार कर निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) C के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में द्वितीय चरण में नामांकन के लिए चयनित बच्चों की सूची आपको भेजी गयी थी, लेकिन आपके द्वारा न तो नामांकन लिया गया और न ही किसी प्रकार की सूचना जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को उपलब्ध करायी गयी.

सामर्थ्य संख्या को छुपा कर सीट कम करना अपराध :

आदेश में कहा गया है कि आरटीइ की धारा 12 (1) सी के तहत चयनित बच्चों का नामांकन नहीं लेना गंभीर मामला है. इसके लिए भारतीय न्याय संहिता 2023 के धारा 221 एवं 223 के तहत लोक सेवक द्वारा जारी सार्वजनिक आदेश की अवज्ञा अपराध है. सामर्थ्य संख्या के 25 प्रतिशत कोटे के तहत सीटों में कमी करते हुए सीटों को छुपाना अपराध है. इसके लिए भारतीय न्याय संहिता 2023 के धारा 318, 316 व 336 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है.

एक सप्ताह में नामांकन सुनिश्चित हो : उपायुक्त ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर नामांकन सुनिश्चित कर अनुपालन प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध करायें. इसकी एक प्रति डीएसइ को देना है. ऐसा नहीं होने पर उक्त धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.

इन स्कूलों के खिलाफ आदेश जारी

डीएवी पब्लिक स्कूल मुनीडीह, डीएवी पब्लिक स्कूल बरोरा, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर धनसार, धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम धनबाद, धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल बनियाहीर लोदना, सिंबायोसिस पब्लिक स्कूल, धनबाद

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